चीन को भारत का दुनिया में बढ़ता रुतबा पसंद नहीं आ रहा है. भारत के बढ़ते कदमो को रोकने के चीन सीमा पार अपनी ओछी हरकते जारी रखे हुए है. इस कारस्तानियों से एक बार फिर डोकलाम विवाद गरमा गया है. चीनी सेना के भारत को सबक लेने की नसीहत के बाद अब भारत के राजदूत गौतम बम्बावले ने कहा है कि इस मामले को बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील बिंदुओं पर यथास्थिति में बदलाव नहीं होना चाहिए. गौतम ने कहा कि भारत एवं चीन को 50 अरब अमेरिकी डॉलर वाली चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना सहित सभी विवादित मसले सुलझाने के लिए वार्ता करनी चाहिए. डोकलाम के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आप इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं. हमारे रिश्ते में ऐसे छोटी-मोटी बाधाओं से पार पाने के लिए भारत और चीन के लोग और हमारे नेता काफी अनुभवी और समझदार हैं. गौतम ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि डोकलाम की घटना के बाद की अवधि में भारत और चीन को नेतृत्व के स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर एक-दूसरे से बात करते रहने और पहले से ज्यादा संवाद करते रहने की जरूरत है.’’ चीन की ओर से डोकलाम के पास सड़क बनाने की एक और कोशिश की खबरों के बारे में पूछे जाने पर भारतीय राजदूत ने कहा कि यह अहम है कि संवेदनशील बिंदुओं पर ‘‘यथास्थिति’’ में बदलाव न हो. डोकलाम पर फिर से चीन की नापाक नज़र चाइना में बना है दुनिया का सबसे पहला और सबसे लंबा फ़्लोटिंग रोड चीन ने कृत्रिम रूप से तैयार किए दो बन्दर