कोरोना महामारी से परेशान दुनियाभर के देश पहले से ही चीन के खिलाफ हुए है. वही इस बीच हांगकांग में सुरक्षा कानून लागू किए जाने की बात से ही वहां के हजारों लोग सड़क पर उतरे हुए हैं वो इसे मानना नहीं चाहते हैं. अब चीन के उइगर मुसलमान भी चीन के खिलाफ है. और अब चीन की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. आए दिन कोई नई परेशानी दस्तक दे रही है. चीन के लिए जरुरी है वो अब अपने आपमें सुधार लाये. अब देखते है इस पर चीन क्या निर्णय लेता है. आपकी जानकारी के लिए बता दे, की चीन की कम्युनिस्ट पार्टी वहां रहने वाले उइगर मुसलमानों पर भी तरह-तरह से जुल्म ढाती है. यहां उनको अपने इस्लाम का पालन करने पर भी रोक है. यहां की मस्जिदों पर अरबी में उनका नाम तक लिखना मना है. जो कुछ भी लिखा होगा वो चीनी भाषा में ही लिखा जाएगा. यहां तक की कुरान को भी अरबी में पढ़ना मना है. मुस्लिमों के लिए उसे भी कम्युनिस्ट सरकार चीनी भाषा में अलग से छपवाती है. और इन सब चीज़ो के चलते अब चीन के उइगर मुसलमान भी चीन के खिलाफ हो गए है. उइगर मुसलमान अपने ऊपर तमाम तरह से कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से किए जा रहे जुल्मों के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट की शरण में जाने का मन बना रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में वो अपने ऊपर कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से किए जा रहे इस तरह के जुल्मों से अवगत कराएंगे. कम्युनिस्ट पार्टी यहां मुस्लिमों को उनके हिसाब से नमाज तक अदा नहीं करने देती है. लंदन स्थित वकीलों की एक टीम ने दो उइगर कार्यकर्ता समूहों के माध्यम से बीजिंग की ओर से उइगर मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचार की रिपोर्ट फाइल की है. बीजिंग की ओर से यहां रहने वाले उइगर मुसलमानों को पकड़कर उनको कंबोडिया और ताजिकिस्तान में प्रत्यर्पित कर दिया जाता है. अभी इस पर चीन के पीएम का कोई निर्णय सामने नहीं आया है की वे अब आगे क्या फैसला लेंगे. WHO ने भी माना हवा से फ़ैल सकता है कोरोना का संक्रमण हांगकांग के बाद अब तिब्बत ने चीन के खिलाफ उठाया ये कदमचीन में गुलामों का जीवन बिता रहे ये मुसलमान, अब सहन नहीं करेंगे अत्याचर दुनिया के डिजिटल मार्केट पर राज करना चाहती है ये कंपनीयां, अब होंगे मनसूबे नाकाम