बीते दिनों पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई है. जिसके बाद दोनों देशों के बीच आपसी तनातनी बढ़ गई है. लेकिन सैन्य भिड़त के बाद चीन ने हताहत सैनिकों की संख्‍या का खुलासा नहीं किया है. इस मामले में चीन अभी तक चुप्‍पी साधे हुए है. यूएस-आधारित ब्रेइटबार्ट न्यूज ने बताया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस फैसले ने उन चीनी परिवारों को परेशान कर दिया है, जिन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है. ब्रेइटबार्ट के अनुसार चीनी सरकार उन सैनिकों के परिवारों को चुप कराने के लिए संघर्ष कर रही है, जो अपने गुस्से और हताशा को बाहर निकालने के लिए वीबो और अन्य प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे हैं. मुंबई हमला : डेविड हेडली नहीं आएगा भारत, अमेरिका ने किया साफ इनकार आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस संघर्ष के बाद भारत सरकार ने स्वीकार किया था कि इस संघर्ष में उसके 20 सैनिक मारे गए हैं. संघर्ष के बाद चीनी सरकार का सैनिकों के हताहतों की संख्‍या को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया. इस पूरे मामले में चीन सरकार ने चुप्‍पी साध रखी है. चीन ने अब तक केवल कुछ सैन्‍य अधिकारियों की मौत को ही स्वीकार किया है. हालांकि, भारत का कहना था कि इस संघर्ष में चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. भारत का दावा था कि चीन के कुछ सैनिक घायल भी हैं. भारत के इस दावे के बाद भी चीन इस मामले में पूरी तरह से चुप्‍पी साध रखी है. चीन और दक्षिण कोरिया में कोरोना से मचा हाहाकार, अब तक बर्बाद हुए कई घर परिवार इसके अलावा चीनी राज्य संचालित मीडिया के प्रधान संपादक हू जीजिन ने एक ट्वीट में खुलासा किया था कि 15 जून को लद्दाख में भारतीय सैनिकों के साथ आमने-सामने की हिंसक झड़प में चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान हुआ है. इस झड़प में कई चीनी सैनिक हताहत हुए हैं. उन्‍होंने आगे लिखा है कि जो मैं जानता हूं गलवन घाटी में शारीरिक झड़प में चीनी पक्ष को भी हताहत होना पड़ा. कई रिपोर्टों के अनुसार प्रभावित चीनी परिवार सरकार की गोपनीयता पर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए वीबो का उपयोग कर रहे हैं. जर्मनी ने किया आगाह, कहा- ख़त्म नहीं हुआ खतरा, शुरू हो सकता है कोरोना का दूसरा दौर ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने बनाया मास्टरप्लान, दिया 60 दिन का समय दुनियाभर में 1 करोड़ के पार पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, आगे और भी बिगड़ सकते है हाल