बीजिंग: जर्नल माइक्रोबायोम में 20 जुलाई को ‘ग्लेशियर आइस आर्काइव्स नियरली 15,000 ईयर ओल्ड माइक्रोब्ड एंड फेज’ शीर्षक से एक रिपोर्ट छपी थी। इसमें वैज्ञानिकों के एक समूह ने बर्फ के दो नमूनों में जमे हुए 30 अति प्राचीन वायरस खोजने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनमें से ज्यादातर वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया था। वैज्ञानिकों ने वर्ष 2015 में तिब्बत के पठार के उन बर्फ के नमूने लिए थे, जो कम-से-कम 14,400 वर्ष पूर्व जमने आरंभ हुए थे। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी बार्ड पोलर एंड क्लाइमेट रिसर्च सेंटर के प्रमुख लेखक और रिसर्चर झी-पिंग झोंग ने इसको लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, 'ये हिमनद धीरे-धीरे बने हैं और धूल एवं गैसों के साथ ही कई वायरस भी इस वर्फ में जम गए। पश्चिमी चीन में हिमनदों का अच्छी तरह से रिसर्च नहीं की गई है और हमारा लक्ष्य इस जानकारी का उपयोग करके पुराने वातावरण पर प्रकाश डालना है। वायरस उसी वातावरण का हिस्सा हैं।' इससे संबंधित रिसर्च पेपर का प्री प्रिंट फॉर्मेट गत वर्ष जनवरी 2020 में Biorxiv में प्रकाशित हुआ था। उस वक़्त झोंग ने कहा था कि, 'हम अल्ट्रा-क्लीन माइक्रोबियल और वायरल सैंपलिंग प्रक्रियाओं को स्थापित करते हैं और इनकी रिसर्च करने के लिए इसे गुलिया आइस कैप के दो आइस कोर पर अप्लाई करते हैं।' फोर्ड इंडिया ने लॉन्च किए फिगो के दो ऑटोमैटिक ट्रिम्स दुबई के मुख्य हवाई अड्डे पर टकराए 2 एयरप्लेन, हुआ ये हाल ये राज्य जल्द शुरू करेगा बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रिक वाहन नीति