नई दिल्ली : भारत पर साइबर अटैक होने का खतरा मंडरा रहा है। भारत सरकार द्वारा संवेदनशील जानकारियों की सुरक्षा को लेकर जारी किए गए ताजा रेड अलर्ट में कहा गया है कि चीन की तरफ से साइबर हमले और ऑनलाइन जासूसी की कोशिश की जा रही है। इस साइबर हमले की कोशिश चीन के चेंगदु क्षेत्र के सकफ्लाई समूह की ओर से किया जा रहा है। इसका मकसद भारतीय सुरक्षा और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सेंधमारी करना है। सकफ्लाई ने एक कोरियाई कंपनी का सर्टिफिकेट चुराया था, उसके बाद से ही वो उसका इस्तेमाल कवच के रुप में कर रहा है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नए पश्चिमी थिएटर कमांड का मुख्यालय भी है, जिसका काम लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक करीब 4,057 किलोमीटर लंबे भारत-चीन सीमा की निगरानी करना है। चीन के हैकर लगातार हमले करते रहते है और कई बार वो सफलता से अमेरिका, भारत, ब्रिटेन व जर्मनी जैसे देशों की सुरक्षा व व्यवसायिक कंप्यूटर नेटवर्क में सेंध लगाने में कामयाब भी हो गया है। साइबर सुरक्षा कंपनी केसपर्सकी लैब ने बताया कि चीन के साइबर जासूस ग्रुप दंती ने दिल्ली में कई शीर्ष नौकरशाहों के कंप्यूटरों में सेंध लगा दी थी। बता दें कि ऐसे साइबर खतरे से निपटने के लिए भारत के पास अभी तक पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे खतरों से निपटने के लिए क़रीब 3 साल पहले एक कमेटी की ओर से ट्राई-सर्विस साइबर कमांड का सुझाव दिया गया था, लेकिन इसके बदले सरकार बहुत नीचे स्तर की डिफेंस साइबर एजेंसी बनाने की योजना बना रही है जिससे फिलहाल तात्कालिक तौर पर इस हमले से निपटा जा सके।