बीजिंग: चीन को इस साल बड़ा आर्थिक झटका लगा है, इस साल की पहली तिमाही में ही उसे लगभग 28 अरब USD का नुकसान हुआ है. इस घाटे की जानकारी चीन को तब लगी जब 17 साल बाद उसने पहली बार इस वित्तीय तिमाही के आकलन करने का निर्णय लिया. इससे पहले चीन ने 2001 में इस तिमाही का आकलन किया था. इस घाटे के साथ ही चीन का विश्व में सबसे बड़ा निवेशक बनने का सपना भी चूर-चूर हो गया. हालांकि वस्तुओं के व्यापार में चीन 35 फीसदी की गिरावट के बाद भी फायदे में है लेकिन सेवा क्षेत्र में उसे लगभग 76 अरब यूएस डॉलर का नुकसान हुआ है. स्टेट ऐडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (SAFE) द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि यह 1998 के बाद सबसे बड़ा तिमाही घाटा है. हालांकि SAFE ने चीन का बचाव करते हुए इस घाटे के लिए मौसम को जिम्मेदार बताया है. वहीं अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह चीन के अंतरराष्ट्रीय भुगतान की स्थित में मौलिक बदलाव का संकेत है, इसे पिछले दशक के आर्थिक रीबैलेंस का परिणाम बताया जा रहा है. चीन के एक अख़बार का कहना है कि यह घाटा चीन को ज्यादा नुक्सान नहीं करेगा, क्योंकि चीन लगातार अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण व्यापार वार्ता में शामिल है, जो राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प की मांगों को पूरा करने के लिए अमेरिका के 375 अरब द्विपक्षीय व्यापार घाटे को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक कम करने में सक्षम है. सोमवार को भारत आएंगे ब्रिटेन की राज्य मंत्री मानवाधिकार ने दुबई के शासक से माँगा शहजादी का पता जब तक मैं राष्ट्रपति हूँ, क़ायम रहेगा गन कल्चर- ट्रम्प