चीन को लेकर एक और बड़ा खुलासा, कोविड-19 की गंभीरता को पूरी तरह नहीं बताया

बीजिंग: दिन प्रतिदिन पूरी दुनिया में लोगों पर मौत का साया बनकर घूम रहा कोरोना वायरस आज मानवीय जीवन के लिए बड़ी परेशानी बनता जा रहा है, हर दिन इस वायरस के कारण हजारों जाने जा रही है. कई मासूम परिवार इस वायरस के कारण पूरी तरह से तबाह हो चुके है तो वहीं कई लोगों के घरों में मातम से आंखे नम है. जंहा हर दिन इस वायरस के कारण लाखों की तादाद में लोग संक्रमित होते जा रहे है. वहीं अब तक दुनियाभर में 2 लाख 48 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान खो दी है, लेकिन अब भी यह कहना मुश्किल है कि इस वायरस का कोई तोड़ है भी या नहीं. जंहा चीन पर कोरोना महामारी की जानकारी छिपाने का आरोप लग रहा है. 

इस बीच एक खुफिया दस्तावेज के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों का मानना ​​है कि चीन ने कोरोना वायरस प्रकोप की गंभीरता को दुनिया से सामने समय से नहीं रखा. ऐसा चीन ने महामारी से लड़ने के लिए मेडिकल सप्लाई को इकट्ठा करने के लिए किया, ताकि वह इस वायरस से मुकाबला कर सके.एसोसिएटेड प्रेस द्वारा प्राप्त की गई होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एक चार-पृष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार चीनी नेताओं ने जनवरी की शुरुआत में दुनिया से महामारी की गंभीरता का जानबूझकर छुपाया. इससे पहले राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ ने रविवार कोकहा था कि कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

वहीं, चीन के खिलाफ तीखी बयानबाजी को लेकर ट्रंप प्रशासन के आलोचकों ने वायरस के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को अपर्याप्त और धीमा बताया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि घर में आलोचना से बचने के लिए ही प्रशासन ने चीन की आलोचना कर ध्यान भटकानेकी कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की गंभीरता के बारे में जानकारी छिपाते हुए चीन ने आयात में वृद्धि की और चिकित्सा आपूर्ति के निर्यात में कमी की. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने जनवरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित कर दिया था कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है.

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