अमेरिका के एफ 22 का सामना करने में सक्षम स्टील्थ फाइटर को चीन ने किया एयरफोर्स में शामिल

बीजिंग। चीन द्वारा अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाया जा रहा है। जहां कथित तौर पर चीन दक्षिण चीन सागर में युद्धक हथियार तैनात करने में लगा है वहीं इसने चुपके से पांचवी पीढ़ी के जे 20 स्टील्थ फाइटर जेटको को समय से पहले ही अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। दरअसल यह एयरक्राफ्ट चीनी वायुसेना को 2019 तक दिया जाना था। अब इस एयर क्राफ्ट के वायुसेना को मिल जाने से भारत गंभीर हो गया है। माना जा रहा है कि यह लड़ाकू विमान अमेरिका के एफ 22 विमान का सामना कर सकता है। ऐसे में भारत और अमेरिका गंभीर हो गए हैं।

गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर के मामले में चीन का अमेरिका और अन्य देशों से विवाद है। तो दूसरी ओर कई मसलों पर चीन कथिततौर पर पाकिस्तान को समर्थन देता है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह जाहिर हो चुका है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पौषक है। ऐसे में विश्व समुदाय के लिए यह एक चिंता की बात है। जे 20 स्टील्थ फाइटर को भारतीय सीमा के कुछ दूर लगाया जा चुका है इस मामले में इस तरह की बात सामने आई है।

मगर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि सियाचीन के दाओचेंग याडिंग एयरपोर्ट पर इस लड़ाकू विमान को तैनात कर दिए जाने की बातें कही गई थीं। यहां से भारतीय सीमा क्षेत्र पास ही है। इस क्षेत्र से भारत के कुछ एयरपोर्ट लगभग सटे हुए हैं ऐसे में भारत ने अपनी सुरक्षा को लेकर इस ओर ध्यान दिया। यह भी माना गया है कि भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाईल के जवाब में चीन ने जे - 20 लड़ाकू विमान को तैनात कर दिया।

दरअसल दक्षिण पश्चिम सियाचीन प्रांत के तिब्बत के पठार में जे 20 को तैनात कर दिया गया था। ऐसे में भारत की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर बात हो गई थी। हालांकि पीएलए ने इस बात को नहीं माना था। मगर भारत तिब्बत को लेकर गंभीर हो गया था और अपनी सुरक्षा को लेकर सीमा क्षेत्र में सक्रिय हो गया था। हालांकि पीएलए ने इस मामले में कहा कि इस विमान को तिब्बत में तैनात करने की कोई संभावना नहीं है।

NSG मुद्दे पर नहीं बदला चीन का रवैया, पाक का फिर किया समर्थन

चीन ने कहा, अमेरिका और उत्तर कोरिया को आमने सामने न आए

दलाई लामा की यात्रा भारत-चीन के सम्बन्ध को पहुचाएगी क्षति

 

 

 

 

Related News