पेइचिंग। अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर के बीच विवाद हो रहा है। ऐसे में चीन नौसेना को अपडेट करने में लगा है और चीन का रक्षा बजट भी बढ़ने की संभावना है। रक्षा बजट में काफी निवेश वह नौसेना के लिए करेगा। गौरलब है कि चीन का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर स्वशासित ताइवान के आसपास चक्कर लगा रहा है। तो दूसरी ओर चीन के जंगी जहाज सुदूर के क्षेत्रों में दिखाई देंगे। इतना ही नहीं चीन द्वारा स्वयं को अपनी आम्र्ड क्षमताओं को बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जाएगा। चीन द्वारा अपनी पनडुब्बियों को लेकर भी बड़े पैमाने पर खर्च किया गया है। चीन की सेना आधुनिक तरह से स्वयं को उन्नत करने में लगी है। इसके लिए चीन काफी खर्च कर रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर और अन्य मसलों को लेकर चीन का अमेरिका से विवाद होता रहा है ऐसे में दोनों देश अपने - अपने हितों को ध्यान में रखते हुए सामरिक टकराहट की स्थिति में भी आ जाते हैं। ताइवान और दक्षिणी और पूर्वी चीन सागर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने अनिश्चितता जाहिर की है। इस मामले में पइचिंग निवासी राजनयिक का कहना था कि चीन ट्रंप को लेकर आशंकित है। चीन आने वाली किसी भी तरह की संभावना के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है। एस राजारत्नम स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज में मिलिट्री ट्रांसफर्मेशन्स प्रोग्राम के संयोजक रिचर्ड बिटाजिंगर ने कहा कि बीते 15 वर्ष से चीन रक्षा बजट पर खर्च वहन कर रहा है। चीन ट्रंप की नीतियों से घबरा रहा है। चीन देगा पाकिस्तान को 60 करोड़ डॉलर का लोन