बीजिंग। रूस ने भारत और चीन के बीच गहराए विवाद को लेकर कहा कि दोनों देशों के बीच जारी विवाद हेतु चीन जवाबदार है। इस मामले में सोवियत संघ के पूर्व प्रधानमंत्री निकिता रूश्चेव ने वर्ष 1959 में भारत और चीन के सीमा विवाद हेतु चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख माओ जेडोंग को दोषी बताया। उनका कहना था कि वर्ष 1959 में भारत व चीन के सीमा विवाद के लिए चीन की सत्तारूढ़ पार्टी के चेयरमैन माओ जेडोंग दोषी थे। भारत और चीन के विवाद को लेकर सामग्री का प्रकाशन हांगकांग के साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट द्वारा किया गया है। माओ के बीच गहमागहमी का वातावरण है। सोवियत नेता रूश्चेव द्वारा चीन के नेताओं के साथ बैठक करने हेतु सितंबर 1959 में बीजिंग के दौरे पर थे। रूश्चेव ने यह भी कहा कि दलाई लामा के तिब्बत छोड़ने के ही साथ विभिन्न योजनाओं और खुफिया जानकारी माओ को होना चाहिए। चीन के सत्तारूढ़ दल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख माओ ने कहा था कि भारत व चीन के बीच जारी विवाद तिब्बत में विषम परिस्थिति के लिए जवाबदार है। भारत और चीन की सीमा पर सैन्य विवाद हुई ऐसे में पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वयं परेशानी में बताए गए हैं। रूश्चेव द्वारा बीजिंग दौरे में कटौती की गई थी। इस मामले में रूस की समाचार एजेंसी ताश ने चीन और भारत के विवाद को चर्चा के माध्यम से हल करने की बात कही थी। चीन ने कहा हमारी भी सब्र की सीमा है, भारत भ्रम छोड़े मसूद अजहर पर प्रतिबंध को लेकर चीन ने फिर बनाया बहाना विजेंदर के सामने ढेर हुआ चीनी माल जुल्फिकार मैमेतिअली