कोरोना महामारी के आने के बाद से चीन और भारत के रिश्तों में काफी खटास आई है वही चीन एक बार फिर भारत की परेशानी बढ़ा सकता है। चीन ने तिब्‍बत में एक मेगा डैम बनाने की रणनीति बनाई है। यह बांध इसलिए बनाया जा रहा है जिससे चीन विश्व का सबसे बड़ा पावर स्‍टेशन बना सके। अब चीन के इस डैम प्रोजेक्‍ट को लेकर पर्यावरणपिवदों तथा भारत सरकार में चिंता की अवस्था है। चिंता का कारण है ब्रह्मपुत्र नदी का इस बांध में सम्मिलित होना। वही इस पूरी योजना में ब्रह्मपुत्र नदी से निकलने वाली तीन धाराओं को चीन ने अपनी योजना में रखा है। हिमालय से निकलती हुई ये धाराएं भारत के अलग-अलग प्रदेशों से गुजरती हैं। ब्रह्मपुत्र नदी इस प्रकार से विश्व की सबसे बड़ी और गहरी नदी बन जाती है जो 1500 मीटर के इलाके से बहती हुई निकलती है। कहा जा रहा है कि चीन, ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को हिमालय के क्षेत्रों तथा भारत में बहने से पहले नियंत्रित करने का प्रयास करने वाला है। चीन का यह प्रोजेक्ट तिब्‍बत के मेडोग काउंटी में है तथा ये सेंट्रल चीन की यांग्‍त्‍जे नदी पर बने थ्री जॉर्ज बांध से भी बड़ी परियोजना होने वाली है। बताया जा रहा है कि जो बांध बनेगा उससे 300 अरब किलोवॉट बिजली प्रत्येक वर्ष चीन पैदा कर सकता है। चीन के 14वीं पंचवर्षीय योजना में इसका जिक्र विशेष रूप से किया गया था। इसे फाइव ईयर प्‍लान को मार्च में सबके सामने लाया गया था। तिब्‍बत में ब्रह्मपुत्र को यारलुंग सांगपो के नाम से जानते हैं। यहां पर पहले से ही दो परियोजना उपस्थित हैं जबकि छह और परियोजनाओं पर काम जारी है। एक्सिस बैंक से 4 करोड़ उड़ाकर भागा सिक्योरिटी गार्ड, पुलिस हुई परेशान GS1 इंडिया ने एस स्वामीनाथन को मुख्य परिचालन अधिकारी किया नियुक्त क़ुरान की आयतें हटाने की मांग वाली याचिका SC में ख़ारिज, वसीम रिज़वी पर 50 हज़ार रुपए जुर्माना