बीजिंग: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में महीनों तक चले बॉर्डर विवाद को लेकर दोनों के बीच शनिवार को कॉर्प्स कमांडर स्तर की मीटिंग हुई। वहीं, मीटिंग से एक दिन पूर्व चीन सरकार ने अपने मुखपत्र में कहा है दी कि वह एक इंच भी क्षेत्र नहीं छोड़ेगा। हालांकि, मुखपत्र में बीजिंग ने कहा कि वह नई दिल्ली के साथ अच्छे पड़ोसी रिश्ते चाहता है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि चीन भारत की दुर्गति नहीं करना चाहता। बीते कई दशकों में अच्छे-पड़ोसी संबंध चीन की मूल राष्ट्रीय नीति रही है और चीन बॉर्डर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पालन करता है। हमारे पास भारत को अपना दुश्मन बनाने की कोई वजह नहीं है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि चीन एक इंच भी भूमि नहीं छोड़ेगा। भारत एक रणनीतिक गलतफहमी पैदा कर चीन के इलाके में घुसा, किन्तु चीन ने कभी इसकी निंदा नहीं की। हालांकि, चीन मजबूत प्रतिवाद करने के लिए विवश है। चीन ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत अच्छी तरह जानता है कि चीन, सीमा क्षेत्र के साथ किसी भी चीन-भारत आर्मी ऑपरेशन में नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अखबार में कहा गया कि भारत चीन-भारत सहयोग के साथ एक शांतिपूर्ण वैश्विक माहौल का आनंद उठाएगा। इसमें कहा गया है कि यदि दोनों देश सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने आते हैं, तो पूरा हिमालय क्षेत्र और भारतीय उपमहाद्वीप इससे अस्थिर हो जाएगा। कोई भी बाहरी ताकत इसे बदल नहीं पाएगी। सीमा क्षेत्र के साथ शांति स्थापित करना और दोस्ताना सहयोग दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। डोनाल्ड ट्रम्प का दावा- भारत में अमेरिका से भी अधिक होंगे कोरोना केस क्या WHO से अलग हो जाएगा ब्राज़ील ? राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने दी धमकी शाहबाज़ शरीफ मानहानि मामला: पाक पीएम इमरान खान को कोर्ट का नोटिस