बीजिंग: चीन अपने पहले मंगल अभियान को लेकर तेजी से कार्य कर रहा है. मंगल अभियान तियानवेन-1 के लॉन्च में उपयोग किया जाने वाले चौथे लॉन्ग मार्च -5 रॉकेट को दक्षिण चीन के हैनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर में लॉन्चिंग एरिया में लाया जा चुका है. चीन स्पेस के स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, वाहक रॉकेटके लॉन्ग मार्च-5 वाई-4 नाम दे चुके है, जिसे जुलाई के अंत या अगस्त के आरम्भ में लॉन्च किया जाने वाला है. मई के अंत में वेनचांग में ले जाने के बाद अंतरिक्ष इंजीनियरों ने रॉकेट पर परीक्षण को पूरा कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह लॉन्चिंग एरिया में बड़े रॉकेट को ले जाने में लगभग 2 घंटे का वक़्त लगा. लॉन्च से पहले रॉकेट पर आखिरी परीक्षाएं और परीक्षण का आयोजन किया जाने वाला है. जंहा इस बात का पता चला है कि यह पहली बार है जब लांग मार्च -5 वाहक रॉकेट को तीन प्रायोगिक प्रक्षेपणों के बाद व्यावहारिक उपयोग में लिया जाने वाला है, जो वर्तमान में चीन का अधिक बड़ा प्रक्षेपण यान है. जंहा कुछ वर्षों में चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने वाली एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में बाहर आया है. चीन अभी खुद का एक अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाने में लगा हुआ है. अभी तक अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और भारत मंगल पर यान भेजने में सक्षम रहा है. भारत मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के साथ ही पहला ऐसा एशियाई देश बन गया था जिसने मंगल मिशन में सफलता प्राप्त कर ली है. यहां पर सबसे पहले स्टेज 3 में पहुंचा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल इस देश के लोगों में कोरोना के खिलाफ विकिसत हुई 'हर्ड इम्युनिटी', स्टडी में खुलासा महज 100 घंटे में दस लाख नए मरीज, कोरोना की मार से कराह उठी दुनिया