इस्लामाबाद: पाकिस्तान को एशियाई देशों में सिर्फ चीन का ही समर्थन प्राप्त है, अन्य देश पाकिस्तान का बहिष्कार कर चुके हैं, ऐसे में पाकिस्तान के पर चीन की जी-हुजूरी और चाटुकारिता करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है, क्योंकि पाक चीन के क़र्ज़ के बोझ तले दब चुका है. हाल ही में चीन के राजदूत याओ जिंग ने रावलपिंडी आकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद बाजवा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य है. चीन ने रूस शुरू किया अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, 3 लाख जवान ले रहे हैं हिस्सा पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर खाते पर एक बयान में लिखा गया है, "सेना प्रमुख जनरल कामर जावेद बाजवा ने दोहराया है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य है और इसकी सुरक्षा कभी समझौता नहीं की जाएगी, वह रावलपिंडी में चीनी राजदूत याओ जिंग से बात कर रहे थे." मंगलवार को, यह बताया गया था कि इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान सरकार सीपीईसी परियोजना के तहत समझौते पर जोर दे रही थी. आर्टिकल 377 : जानिए समलैंगिक संबंधों पर भारत के किन पड़ोसी देशों में क्या-क्या नियम है यूके की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के सौदों की समीक्षा करने और लगभग एक दशक पहले किए गए व्यापार समझौते पर दोबारा बातचीत करने की तलाश करेगी. पाकिस्तान और चीन के बीच चार घंटे तक चली इस बैठक में चीन के उपाध्यक्ष निंग जीझे ने मौजूदा सीपीईसी परियोजनाएं में सामाजिक क्षेत्र और क्षेत्रीय विकास योजनाओं को जोड़ने का फैसला किया है, जिसमे दोनों पक्षों ने सहमति जताई है. खबरें और भी:- पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए नवाज़ शरीफ को मिली 12 घंटे की मोहलत वर्ल्ड हंगर इंडेक्स की भयावह रिपोर्ट: एक तरफ भोजन की बर्बादी, दूसरी ओर भूखी आबादी इमरान खान लगवाएंगे नवाज़ शरीफ की 8 भैंसों की बोली