लेह: बीते करीब एक महीने से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव अब भी बरक़रार है. इस बीच खबर है कि चीन ने गलवान घाटी से अपने सैनिकों को 2 किमी पीछे हटा लिया है. इसके साथ ही चीन ने अपने शिविर को पहले से भी कम कर दिया है. भले ही चीन ने गलवान घाटी पर अपने कदम वापस ले लिए हैं, किन्तु पेंगांग झील को लेकर दोनों एशियाई देशों के बीच अभी भी तनातनी बरक़रार है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ईस्टर्न लद्दाख में गलवान और हॉट स्प्रिंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीन के अतिक्रमण ने भारत को हैरान कर दिया. पंगोंग त्सो के विपरीत, इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा विभिन्न तंत्र के माध्यम से पहचाने जाने वाले 23 कंटेस्टेड एरिया में से कोई नहीं था. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत ने पहली दफा LAC के कॉन्सेप्ट को 1993 में स्वीकार किया था. वेस्टर्न सेक्टर के तहत लद्दाख में LAC पर 23 कंटेस्टेड एरिया में से 11 की शिनाख्त की गई थी. इसके अलावा चार की पहचान मिडिल सेक्टर और 8 की ईस्टर्न सेक्टर के रूप में की गई थी. 2000 में मिडिल सेक्टर के लिए मैप्स के एक्सचेंज और 2002 में वेस्टर्न सेक्टर के लिए मैप्स की तुलना के दौरान 1990 के दशक में भारत-चीन संयुक्त कार्य समूहों (JWG) की कई मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान इनमें से अधिकतर क्षेत्रों की पहचान की गई थी. ग्राउंड पर चीनी सेना की कार्रवाई से छह क्षेत्रों की पहचान की गई, जिन्हें भारत ने दर्ज किया है. अमेरिका ने चीन को दिया एक ओर झटका, यात्री उड़ाने नहीं मार पाएंगे यूएस में एंट्री क्या है मनोभ्रंश से जुड़ीं नई रिसर्च का परिणाम ? थेरेसा मंजेला ने अपने निकटतम प्रतिद्वदी पर बनाई भारी मतों से बढ़त