बीजिंग: 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' यह कहावत चीन के इस बयान पर शत प्रतिशत सटीक बैठती है. भारत की सीमा में स्थित डोकलाम में सड़क बनाने वाले चीन ने अब भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण बताया है. अरूणाचल प्रदेश में सामरिक रूप से संवेदनशील असाफिला इलाके में सीमा के पास भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग को चीन ने अतिक्रमण करार देते हुए पिछले महीने विरोध दर्ज कराया था. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, चीन की इस आपत्ति को भारतीय पक्ष ने पूरी तरह से खारिज कर दिया. बॉर्डर पर्सनल मीटिंग में उठाए गए इस मुद्दे पर भारत की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि अरूणाचल प्रदेश का ऊपरी सुबानसिरी क्षेत्र भारत का हिस्सा है और वहां पर लगातार पेट्रोलिंग की जाती रही है. पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन की तरफ से भारत के इस पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया गया और भारत ने चीन के इस बयान का कड़ा विरोध किया. बीपीएम के तहत दोनों ही पक्षों की ओर से किसी भी अतिक्रमण की घटना पर अपना विरोध दर्ज कराया जाता है क्योंकि दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा को लेकर आपस में अलग-अलग राय है. आपको बता दें कि पीटीआई से सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी की सेना की तरफ से विशेष तौर पर असाफिला के नजदीक फिश्तैल-1 में 21, 22 और 23 दिसंबर को की गई बड़े स्तर पर पेट्रोलिंग को उठाया गया था. भारत और चीन की सेना के जवानों ने सीमा पर उपजे तनाव के समाधान के लिए बीपीएम की थी. अमेरिका-चीन में ट्रेड वॉर संभव भारतीय सीमा पर ड्रोन से निगरानी करेगा नेपाल इस्पात उत्पादन में भारत ने जापान को पछाड़ा