रविवार को हांगकांग में स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए मतदान जारी है. शहर की 18 जिला परिषदों की 452 सीटों के लिए मतदान केंद्रों के बाहर लंबी लाइनें लगी हुई हैं. परिषदें काफी हद तक सलाहकार हैं और उनमें बहुत कम शक्ति है. लेकिन इन चुनावों ने चीन के सूबे में प्रतीकात्मक महत्व लिया है.विपक्ष द्वारा एक मजबूत प्रदर्शन यह दर्शाता है कि जनता अभी भी लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का समर्थन करती है, यहां तक कि विरोध प्रदर्शन भी हिंसक हो गए हैं. विदेश मंत्री बैठक में जयशंकर ने मोटेगी के साथ की द्विपक्षीय वार्ता मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले वहां पर बेचैनी भरी शांति है. लोकतंत्र की मांग कर रहे आंदोलनकारी शांत हैं लेकिन महानगर को उनके अगले कदम का इंतजार है. हांगकांग पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय में अभी भी कुछ छात्र मौजूद हैं. पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है और वे आत्मसमर्पण के लिए तैयार नहीं हैं.विश्वविद्यालय से भागे या सड़कों पर आकर आंदोलन करने वाले छात्र भी पुलिस के आगे समर्पण नहीं कर रहे. वे महानगर में जहां-तहां मौजूद हैं. विश्वविद्यालय से भागे एक आंदोलनकारी छात्र के अनुसार उसे भरोसा नहीं है कि रविवार को होने वाला चुनाव साफ-सुथरा होगा. इस चुनाव में 452 सीटों पर कुल 1104 प्रत्याशी खड़े हुए हैं. पकिस्तान में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की प्रक्रिया आरम्भ इस चुनाव में कुल 41 लाख मतदाता उनके भाग्य का फैसला करेंगे, हांगकांग की आबादी 74 लाख है. चुनाव शांति से संपन्न कराने के लिए मतदान केंद्रों पर पहली बार दंगारोधी बल तैनात किया जा रहा है. 31 हजार जवानों वाली महानगर पुलिस को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है. लेकिन उनकी तैनाती ऐसी होगी कि मतदाता आशंकाओं से न घिरें.मतदान केंद्रों पर कम संख्या में पुलिसकर्मी तैनात होंगे लेकिन थोड़ी दूरी पर वे पर्याप्त संख्या में रहेंगे. पता चला है कि मतदान के मद्देनजर सेना भी सतर्क रहेगी लेकिन जरूरत से पहले वह अपने ठिकाने से बाहर नहीं आएगी. हांगकांग के इस ठिकाने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 12 हजार जवान तैनात हैं. करतारपुर कॉरिडोर के जरिये भारत में अशांति फैला सकता है पाकिस्तान हांगकांग में मानवाधिकारों के प्रस्ताव पर जोर डाल सकते है डोनाल्ड ट्रंप बढ़ता जा रहा कोलम्बिया में सरकार विरोध, 3 पुलिसकर्मियों ने गवाईं अपनी जान