एक ओर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्री स्तर की बैठक के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बीजिंग पहुँच गई है , वहीं दूसरी ओर यह खबर आ रही है, कि चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'वन बेल्ट वन रोड' (ओबीओआर ) में भारत को भी शामिल करना चाहता है.हालाँकि इस पर भारत ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उल्लेखनीय है कि 'वन बेल्ट-वन रोड' चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का सपना है . इस अहम योजना के जरिए चीन ने आर्थिक मंदी से उबरने, बेरोजगारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 'वन बेल्ट, वन रोड' प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत 14-15 मई 2013 को बीजिंग में कर दी है. इसके तहत एशिया, यूरोप और अफ्रीका को सड़क मार्ग, रेलमार्ग, गैस पाइप लाइन और बंदरगाह से जोड़ा जाएगा. बता दें कि चीन के ऐतिहासिक सिल्क रोड की तर्ज पर चीन जिस 'वन बेल्ट वन रोड' प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.जिसमें पाकिस्तान भी साझेदार है.इसका एक हिस्सा पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है.चीन अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना के जरिये दुनिया की 60 फीसदी आबादी यानी 4.4 अरब लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.सूत्रों के अनुसार चीन को नेपाल में किसी भी परियोजना पर काम करना आर्थिक रूप से लाभप्रद होगा.लेकिन भारत को छोड़कर यह काम करना मुश्किल है .चीन-म्यांमार-बांग्लादेश-भारत आर्थिक गलियारे (इकोनॉमिक कॉरीडोर)का मामला भी ऐसा ही है.चीन भारत के सहयोग को अहमियत देता है , लेकिन भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह भी देखें SCO की बैठक में भारत और पाकिस्तान में नहीं होगा संवाद सुषमा स्वराज चीन और मंगोलिया दौरे पर