कोलंबो: चीन एशिया महाद्वीप में अपना वर्चस्व बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है, दक्षिण चीन सागर में बेस बनाने के बाद अब चीन ने श्रीलंका में भी अपना दबदबा कायम करने की कवायद में जुट गया है. हाल ही में चीन की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि वो श्रीलंका के उत्तरी हिस्सों में पुनर्निर्माण करना चाह रहा है. माल्या प्रत्यर्पण केस: भारत ने ब्रिटेन को सौंपा जेल का वीडियो कोलंबो के चीनी दूतावास के अधिकारी लुओ चोंग ने कहा है कि चीन, श्रीलंका के उत्तरी इलाकों में सड़क और घरों का निर्माण करना चाह रहा है. लुओ चोंग ने कहा, 'अब स्थिति काफी अलग है इसलिए हम श्रीलंका की सरकार और तमिल समुदायों के समर्थन से उत्तर और पूर्व के दूर-दराज के इलाकों में अधिक परियोजनाएं मिलने की उम्मीद कर रहे हैं.'उल्लेखनीय है कि श्रीलंका का ये हिस्सा 26 साल तक चले गृह युद्ध में तबाह हो गया था. मेक्सिको में फिर हुई गोलीबारी, छह नागरिकों समेत एक सैनिक की मौत इससे पहले अप्रैल में चीन को श्रीलंका में 40 हज़ार घर बनाने का ठेका मिला था, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा परंपरागत ईटों के घरों की मांग करने पर परियोजना को बीच में हो रोक दिया गया था, यह परियोजना 300 मिलयन डॉलर की थी, परियोजना पर रोक लगने के बाद भारत को फायदा उठाने का मौका मिल गया है. भारत परियोजना के पहले चरण में भारत यहां 44 हजार घरों का निर्माण कर चुका है और गृहयुद्ध में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त पलाली हवाई अड्डे और कंकेशंथुरई बंदरगाह के पुनर्निर्माण की योजना बना रहा है. अगर जानकारों की मानें तो चीन भारत की सीमा से जुड़े देशों से हाथ मिलाकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है, इससे पहले वो पाकिस्तान,मलेशिया,नेपाल जैसे देशों से सम्बन्ध बना कर इसके संकेत दे चुका है. खबरें और भी:- केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए UAE भेजेगा 175 टन राहत सामग्री इमरान खान और अमेरिका सरकार के बीच तनातनी परमाणु समझौते की सच्चाई परखने उत्तर कोरिया जाएंगे माइक पोम्पिओ