चीन ने भारत को दी चेतावनी, कहा परिणाम गंभीर हो सकते है

बीजिंग : चीन ने भारत को धमकी भरे लहजे में कहा है कि यदि भारत ने चीन के तीनों पत्रकारों को बाहर निकाला तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। चीन का आरोप है कि भारत ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्यों कि चीन ने भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता के लिए समर्थन नहीं दिया था।

दरअसल भारत ने 3 चाइनीज जर्नलिस्टों को 31 जुलाई तक देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि तीनों का वीजा रीन्यू नहीं किया जाएगा। इस पर चीनी स्टेट मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर उसके जर्नलिस्ट को देश से बाहर निकाला जाता है तो भारतीयों को भी वीजा मिलने में परेशानी होगी।

चीन में भारत के कई जर्नलिस्ट रहते हैं। स्टेट मीडिया ने कहा है कि यदि एनएसजी का बदला है, तो हम भी बता देंगे कि चीनी वीजा लेना इतना आसान नहीं है। इस बार मामला वीजा का है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत के इस कदम से गलत संदेश जाएगा। इससे भारत-चीन के संबंध भी बिगड़ सकते है।

चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि जर्नलिस्टों को निकाले जाने की वजह स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में इससे भारत-चीन के रिश्तों पर असर पड़ सकता है। सितंबर में पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 सम्मिट में हिस्सा लेने के लिए चीन जाने वाले है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिस्क सम्मिट में हिस्सा लेने के लिए अक्टूबर में भारत आ सकते है।

चीन के साउथ एशिया एक्सपर्ट हू शीशेंग का मानना है कि जब दोनों देशों के हेड की जल्द मुलाकात होनी है, तो ऐसे में भारत का ये फैसला सही नहीं है। मैं इसके पीछे कोई मजबूत कारण नहीं देखता। मीडिया को दोनों देशों के बीच पुल का काम करना चाहिए। भारत से निकाले जाने वाले जर्नलिस्टों का नाम वाउ कियांग, लु तांग और शी योनगांग हैं।

तीनों का वीजा एक्सपायर हो गया है। वाउ और लु शिन्हुआ के दिल्ली ब्यूरो में काम करते हैं। योनगांग मुंबई में रिपोर्टर हैं। आरोप है कि ये लोग संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल थे। उधर चीन में भी भारत के पांच जर्नलिस्ट समेत चीन के इंग्लिश सरकारी मीडिया मसलन चाइना सेंट्रल टेलीविजन, चाइना डेली और चाइना रेडियो इंटरनेशनल में काम करने वाले रहते है।

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