चीन ने कहा है कि ट्रायल से बाहर चुनिंदा व्यक्तियों को COVID-19 वैक्सीन देने के उसके निर्णय का Who ने सपोर्ट किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के हेल्थ ऑफिसर ने यह सुचना दी है। जुलाई से ही चीन ट्रायल से इतर विभिन्न ग्रुप को वैक्सीन की खुराक दे रहा है। हालांकि, कई विशेषज्ञ ने इसकी आलोचना की थी। वही चीन ने जुलाई में ही COVID-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी। वही चीन के राष्ट्रिय स्वास्थ्य आयोग के ऑफिसर झेंग झोंगवेई के अनुसार, जून में ही चीन ने WHO को अपनी वैक्सीन की जानकारी भेज दी थी। साथ ही चीन ने इमरजेंसी एप्रूवल के तहत जरुरी सर्विस से जुड़े लाखों स्टाफ तथा हाई रिस्क ग्रुप के बहुत व्यक्तियों को COVID-19 वैक्सीन देना आरम्भ कर दिया था। हालांकि अब तक चीनी वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल का परिणाम नहीं आया है जिससे कि वैक्सीन के सुरक्षित अथवा प्रभावी होने के गुण सिद्ध हो सके। विश्व स्वास्थ्य संघठन के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल डॉ। मरिअनजेला सिमाओ का कहना है कि विभिन्न देशों को अपने मेडिकल प्रोडक्ट के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति देने का हक़ है। वहीं WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने इसी माह कहा था कि COVID-19 वायरस वैक्सीन का इमरजेंसी एप्रूवल 'अस्थाई हल' है। काफी समय तक वैक्सीन उपयोग के लिए फेज-3 ट्रायल पूरा किए जाने की आवश्यकता होती है। साथ ही चीन ने अपनी तीन वैक्सीन कैंडिडेट को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति दी है। वही अब देखना ये है कि ये वैक्सीन कितनी कारगर साबित होती है। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान द्वारा उठाए गए सवाल पर भारत ने दिया करारा जवाब पूर्व न्यायाधीश आरबीजी के इस सम्मान में शामिल होंगी बड़ी से बड़ी हस्तियां पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून छापने वाली 'शार्ली एब्दो' के कार्यालय के पास बड़ा हमला