बीजिंग: दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा खारिज़ कर दिया गया. जिसके बाद चीन के लंबी दूरी के बमवषर्कों और लड़ाकू विमानों ने क्षेत्र पर देश की संप्रभुता पर जोर देने के लिए एससीएस के विवादित द्वीपों के हवाईक्षेत्र का ‘‘निरीक्षण’’ किया. चीन की वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि देश की वायुसेना के विमानों ने दक्षिण चीन सागर स्थित नंशा और हुआंग्यान द्वीपों के आसपास के हवाईक्षेत्र का निरीक्षण किया. इन विमानों में लंबी दूरी के एच-6 बमवषर्क और सुखोई-30 विमान शामिल हैं. संवाद समिति शिन्हुआ ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वायुसेना के सीनियर कर्नल शेन जिंके के हवाले से कहा कि यह उड़ान वास्तविक लड़ाकू प्रशिक्षण का हिस्सा थी ताकि सुरक्षा खतरों के प्रति वायुसेना की क्षमता में सुधार किया जा सके. बता दे की चीन ने गत 18 जुलाई को तब नियमित वायु गश्त शुरू की थी जब स्थायी मध्यस्थता अदालत द्वारा नियुक्त अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने फिलिपींस की अर्जी पर दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को खारिज कर दिया था और फिलिपींस की ओर से दावा किये जाने वाले क्षेत्रों पर उसके अधिकार को वैध ठहराया था. चीन ने न्यायाधिकरण का बहिष्कार किया और फैसले को खारिज करने के साथ ही क्षेत्र पर नियंत्रण पर जोर देने के लिए कदम शुरू किये. फिलिपींस के अलावा वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताईवान क्षेत्र पर दावा करते हैं.