नई दिल्ली: इंडियन नेवी के प्रोजेक्ट-75 के तहत कलवरी क्लास की पनडुब्बियां (Submarine) बनाई जा रहीं है. प्रोजेक्ट-75 स्कोर्पियन प्रोग्राम के तहत बनाई गई छठी स्कॉर्पियन पनडुब्बी ‘वाघशीर’ ने समुद्र में अपनी पहली डुबकी लगा ली है. ‘वाघशीर’ पनडुब्बी के समुद्री ट्रायल का आगाज़ 18 मई से हुआ है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस Submarine को 2024 की शुरुआत में इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा. पनडुब्बी को अप्रैल 2022 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था. बता दें कि, वाघशीर पनडुब्बी का ये ट्रायल बेहद अहम है, क्योंकि अब तक कलवरी क्लास की 5 पनडुब्बियों को इंडियन नेवी में शामिल किया गया है. इन पनडुब्बियों के माध्यम से हिंद महासागर में चीन की हरकतों पर नजर रखने में सहायता मिल रही है. वहीं, अब छठी स्कॉर्पियन पनडुब्बी ‘वाघशीर’ के अगले साल तक कमीशन होने की संभावना है. ऐसे में हिंद महासागर में चीन की हर चाल को विफल करना अब और भी अधिक आसान हो जाएगा. चीन वैसे भी हिंद महासागर में इन दिनों अपनी पैठ बनाने में लगा हुआ है. कलवरी श्रेणी में इंडियन नेवी के लिए डीजल-विद्युत से चालित आक्रमणकारी स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है. प्रोजेक्ट-75 के तहत भारतीय नौसेना की 6 पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियां बनाई जा रहीं है. प्रोजेक्ट- 75 के तहत बन रही पनडुब्बियों में एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP), स्पेशल ऑपरेशन फोर्स (SOF), एंटी-शिप वारफेयर (AShW) शामिल हैं. पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW), सतह-विरोधी युद्ध (ASuW) और भूमि-हमले की क्षमता होने के कारण ये बेहद शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं. विपक्षी एकता को लगा झटका ! सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी, खड़गे ने दिया था निमंत्रण कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिए काम कर रही थी पत्रकारों की एक टीम - डीके शिवकुमार का कबूलनामा लखनऊ: ट्रक में जा घुसी तेज रफ़्तार कार, ढाई साल की बच्ची समेत 4 लोगों की मौत