कोरोना से बिगड़ी छवि सुधारने के लिए चीन की मास्क डिप्लोमेसी

चीन के एक करोड़ से ज्यादा नागरिक कहा गायब हो गए? इनके सिम कार्ड मार्केट से क्यों गायब हो गए? कितने लोग मरे है कोरोना से चीन में, कहनीं जानबूझ कर चीन ने कोरोना तो नहीं फैलाया? जिससे पूरी दुनिया इससे बिलबिलाये और फिर चेन अपनी फैक्ट्रियों में कोरोना से बचने की चीजे बनाये, और दुनिया पर कब्ज़ा कर ले? आपकी जानकारी के लिए बता दें यह सारी थ्योरिस  चल रही है, इनमे कितना दम है| क्या है पूरा सच आइये जानते है. यंहा आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे जिन हाँ पहले बात करते है अफ्रीका की यहाँ चैड नाम का एक देश है| सूडान के पास पड़ता है यह देश, नाइजीरिया के आतंकवादी संगठन बोकोहरम द्वारा किये गए एक हमले में चैड के लगभग 92 सैनिक मारे गए थे | यह हमला रविवार रात चैड के बूमा पेनिसुला में हुआ | यह हमला लगभग 7  घंटे चला था| इसकी जानकारी 25  मार्च को मिली|यहाँ के राष्ट्रपति इदरीस डीवाई ने हमले की जानकारी दी | करीब 10 साल से सक्रीय बोको हरम अब तक लगभग 36000 लोगो की जान ले चूका है |

यदि संयुक्त राष्ट्र की माने तो बोको हरम की वजह से नाइजीरिया में लगभग 20 लाख लोगो से उनका घर छूटा है | इसके बाद बात करते है अमरीका की कोरोना प्रभावित देशो की सूची में अभी तीसरे नंबर पर पहुँच गया है अमरीका| पहले और दूसरे नंबर पर इटली और स्पेन है | अमरीका में अबतक 70 हजार मरीजों की पुष्टि हो चुकी है| एक हजार से ज्यादा लोग मर चुके है | सबसे अधिक प्रभावित है न्यूयोर्क| अबतक यहाँ 20 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए है| अमरीकी सैनिट ने कोरोना महामारी के लिए लगभग 150 लाख करोड़ रूपये के फंड को मंजूरी दी है | जस्टिस डिपार्टमेंट का मानना है की जानबूझ कर कोरोना संक्रमण फैलाने वालो पर आतंकवाद  का आरोप लगाया  जायेगा|  इसके अलावा अब बात करते है इटली और स्पेन की, इटली में अबतक कोरोना के कारण मरने वालो की संख्या 7500 है| और संक्रमित लोगो की संख्या 74086 के पार है| 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच यहाँ कोरोना फैलने की रफ़्तार धीमी रही थी | इसके बाद 28 फरवरी से जो ग्राफ ऊपर उठना शुरू हुआ है फिर वो अभी तक रुका ही नहीं | वहीं स्पेन में अबतक 4000 से भी ज्यादा लोग मर चुके है | यह संक्रमित लोगो की संख्या 56000 से भी अधिक है| यहाँ लोग अपने घरो में रहने को मजबूर है इसके साथ ही हर रोज शाम 8 बजे लोग अपने छतो और बालकनियों में आकर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए शुक्रिया जताते है|

26 मार्च की तारीख दुनिया में कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या 4,75000 के पार थी | 21000 से ज्यादा लोगो की मौत हो गयी थी | आपकी जानकारी के लिए बता दें की की 780 करोड़ की आबादी वाली दुनिया में यह आकंड़ा कितना बड़ा है| दुनिया की एक तिहाई आबादी इस समय लॉक डाउन है | अब बात करते है उस जगह की जंहा से यह महामारी शुरू हुई, यानी चीन| चीन में इस समय संक्रमित लोगो की संख्या 810285 है | और मरने वालो की संख्या 3287 है | चीन इस समय रिकवरी मोड़ में है काम धंधा शुरू ही गया है | ऐसा बताया जा रहा है की चीन का शहर वूहान जंहा से यह महामारी शुरू हुई वंहा भी लॉक डाउन खत्म हो गया है| ऐसे में कई सवाल ही जो जहन में आते है | की क्या चीन कोरोना से हुई मौतों की संख्या को छुपा रहा है | क्या वंहा 2 करोड़ से ज्यादा लोग मरे है | क्या चीन के जारी किये गए आकड़ो ने उसकी पोल खोल दी है? क्या चीन ने कोरोना तैयार किया है ? क्या यूरोप और अमेरिका की इकोनॉमी को खत्म करने के लिए उसने कोरोना को हथियार के टूर पर इस्तेमाल किया है | आइये जानते है क्या है पूरा सच?रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते तीन महीनो में चीन के 2 करोड़ 10 लाख सिम कार्ड गायब हो गए इसके अलावा करीब 8 लाख 40 हजार लैंडलाइन भी बंद हो गए | वह आकड़े चीन के वायरलेस कंपनियों द्वारा मिले है | चीन में तीन कंपनियां द्वारा नेटवर्क दिए जाते है | पहली चायना मोबाईल लिमिटेड, दूसरी चायना हॉन्गकॉन्ग लिमिटेड, तीसरी चायना टेलिकॉम कॉर्पोरेशन| चायना मोबाइल साल 2000 से मासिक आंकड़े यह जारी कर रही है | तबसे पहली बार कोई महीना यह आया है जिसमे इसके आंकड़े इतने काम हुए है |

कम्पनी की वेबसाइट के अनुसार जनवरी फरवरी में इसके मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 80 लाख से भी ज्यादा कम हुई है| खबरों के अनुसार बता दें की चीन में जनवरी और फरवरी में सिम कार्ड उपभोक्ताओं की संख्या में लगभग 2 करोड़ की कमी आयी है | आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस दौरान कोरोना भी फैलना शुरू हुआ | ऐसे में कई लोग इस बात को जोड़ रहे है | ऐसा बताया जा रहा है की यह कोरोना से मारे गए लोगो के सिम कार्ड थे | इसका यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि चीन ने मारे गए लोगो की संख्या बहुत-बहुत घटा कर बताई है | इसके साथ ही आपको यह बता दें की 11  फरवरी को चीन ने  एक मोबाइल एप लांच किया जससे यह पता चलता है की आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये है यह नहीं| इसके अलावा ऐसा बताया जा रहा है की चीन इस एप के जरिये अपने लोगो पर नजर रखती है | कुछ नए नियम केसाथ यह ताकि सरकार क्र पास लोगो का डाटा पहुँच जाया है| जिसका इस्तेमाल कर यहाँ की सरकार अपने हिसाब से करती है | चीन चुकी एक तानाशाही सिस्टम है यहाँ की सरकार यह की जनता पर अपनी पैनी नजर रखती है और इसकी वजह है की लोग काबू में राजेंगे तभी यह व्यवस्था बची रहेगी| इतनी सख्ती है चेहरे का मिलान है करोडो सिम कार्ड का गायब होना आश्चर्यचकित करता है | खासकर तब जब दुनिया जानती है की चीन कोरोना पर लगतार झूठ बोल रहा है | इन सब के बाद सिमकार्ड गायब होने को लेकर कुछ और भी तथ्य है|

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जा रहा है यह सिम कार्ड उन लोगो के भी हो सकते है जो दूसरी जगह से आकर यंहा काम करते है| जिनके पास अक्सर दो नंबर होते है एक जंहा के वह होते है एक जंहा वो होते है | ऐसा हो सकता है कोरोना के कारण काम काज बंद हो गया तो लोग बड़ी संख्या में अपने गांव और शहर के तरफ लौट गए| वैज्ञानिको का मानना है की चीन ने अमरीका और यूरोप की अर्थव्यवस्था को ठप्प करने के लिए कोरोना का निर्माण किया था| और  इस शक का आधार यह है की चेन में काम काज दुबारा शुरू हो गया है ऐसा माना जा रहा है | कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए दुनिया भर में चीन मास्क और दस्ताने और बॉडी सूट जैसी चीजे सप्लाई कर रहा है और लोगो का मानना है की चीन यही तो चाहता था|  विशेषज्ञों का मानना है की चीन की इस समय खुद इकोनॉमी बहुत खराब स्तिथि में है | चीन की इकॉनोमी लगभग 9 फीसदी गिरने की आशंका है | चीन की जनवरी फरवरी में खुदरा बिक्री लगभग 20 फीसदी कम हुआ| औद्योगिक उत्पादन लगभग 13 फीसदी कम हुआ | 16 मार्च को न्यूयोर्क टाइम्स में एक खबर छपी जिसमे लिखा था की चीन की वो अर्थव्यवस्था जो वैश्विक मंदी और अमरीका के साथ ट्रेड वॉर भी झेल गयी | परन्तु उसे शायद कोरोना के साथ ऐसा नुक्सान हो की उबरने में बरसो लग जाए | एक नया मोड़ आया है जंहा यह आशंका जताई जा रही है की सिर्फ मास्क और दस्तानो की सप्लाई के लिए चीन इतना बड़ा नुक्सान नहीं झेलेगी | आपको बता दें की ग्लोबल इकोनॉमी कही न कहीं एक दूसरे से जुड़े रहते है | 

आपकी  जानकारी के लिए बता दें की कोरोना से चीन को बहुत बड़ा झटका लगा है ट्रम्प के साथ कई लोग कोरोना को चाइनीज वायरस कह रहे है | दुनिया के कई देश संगठन g7 यहा अमरीका जोर दे रहा था की कोरोना को वूहान वायरस कहा जाए | बाकी देश की रजामंदी न होने के कारण कोई साझा ब्यान नहीं जारी हुआ| इस समय चीन ने कई देशो को मास्क और बाकी डॉक्टरी का सामन भेजा है | इस सबको यह सामन भेझ कर सांत्वना जता रहा है | यह साबित करने की कोशिश कर रहा है की वः एक जिम्मेदार वर्ल्ड लीडर है| चीन की यह मास्क डिप्लोमेसी काम कर रही है बताते है | सर्बिया के राष्ट्रपति है एलेक्जेंडर बुचिच यूरोपियन यूनियन से नाराज है चीन की तारीफ कर रहे है कह रहे है चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तो हमारे भाई है | और यूरोपियन एकता जूठी परिकथा है यही है चीन की मास्क डिप्लोमेसी| आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस बात का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है की चीन ने यह कोरोना वायरस अपने किसी लेब में बनाया है | 

 

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