भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को ‘पवित्र एवं पवित्र’ बताते हुए चीन की संसद ने सीमावर्ती क्षेत्रों के संरक्षण एवं इस्तेमाल संबंधी एक नया कानून अपनाया है। इसका प्रभाव भारत के साथ बीजिंग के सीमा विवाद पर पड़ सकता है। प्राप्त एक खबर के अनुसार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की स्थायी समिति के सदस्यों ने शनिवार को संसद की समापन मीटिंग के समय इस कानून को अनुपाती दी। वही यह कानून अगले वर्ष 1 जनवरी से प्रभाव में आएगा। इसके अनुसार, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता पावन और पवित्र है। रिपोर्ट के अनुसार, कानून में यह भी बताया गया है कि सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायता देने, सीमावती इलाकों को खोलने, ऐसे क्षेत्रों में जनसेवा तथा बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, उसे बढ़ावा देने और वहां के व्यक्तियों के जीवन एवं कार्य में सहायता देने के लिए देश कदम उठा सकता है। साथ ही वह बॉर्डर पर रक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में समन्वय को बढ़ावा देने के लिए उपाय कर सकता है। देश समानता, परस्पर विश्वास एवं मित्रतापूर्ण वार्तालाप के सिद्धांतों का पालन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ जमीनी सीमा संबंधी मसलों से निपटेगा तथा बहुत वक़्त से लंबित सीमा संबंधी मसलों एवं विवादों को उचित समाधान के लिए बातचीत का सहारा लेगा। बीजिंग ने अपने 12 पड़ोसियों के साथ तो सीमा संबंधी विवाद सुलझा लिए हैं। मगर भारत एवं भूटान के साथ उसने अब तक सीमा संबंधी समझौते को आखिरी रूप नहीं दिया है। T20 WC: 'मैं कुछ नहीं कर सकता हूं', भारत-पाकिस्तान के मुकाबले से पहले गुस्से में बोले विराट T20 WORLD CUP: 'इस बार इतिहास बदलेगा', बोले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी अब तक विराट कोहली को नहीं दे पाया मात, इस बार भी जीतेगा 'इंडिया'