नई दिल्ली : करीब चार महीने पहले भूटान सीमा पर शुरू हुआ 'डोकलाम विवाद' समझौते के बाद अतीत की बात बन गया है, क्योंकि चीन ने फिर भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. यह इच्छा चीन के राजदूत लूओ झाओहुई ने जताई. बता दें कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 68वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए चीनी राजदूत लूओ झाओहुई ने पुराने विवादों को भूल कर नये दिशा की ओर कदम बढ़ाने की बात कही, ताकि दोनों देशों को फायदा हो. चीन ने भारत को सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार बताते हुए कहा कि हमने द्विपक्षीय स्तर के अलावा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में भी अच्छी प्रगति की है. गौरतलब बात यह है कि चीनी राजदूत की यह टिप्पणी डोकलाम गतिरोध के खत्म होने के बाद आई है. शुरु से ही दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद होता रहा है. लेकिन डोकलाम विवाद के कारण दोनों सेनाओं के बीच दो महीने से ज्यादा समय तक गतिरोध बना हुआ था. जो अब तक का सबसे लंबा गतिरोध रहा. आपसी सहमति से दोनों देशों के सैनिकों ने अपने कदम पीछे खींचे. ऐसे में डोकलाम विवाद के बाद चीन के राजदूत का ये बयान बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह भी देखें फिर राष्ट्रपति बन सकते हैं शी जिनपिंग 101 वर्षीय भारतीय एथलीट को चीन ने नहीं दिया वीजा