बैन के बाद भी MP पहुंचा चाइनीज लहसुन, विरोध में कांग्रेस कर रही आंदोलन

इंदौर: मध्य प्रदेश में चीनी लहसुन की आमद ने किसानों के साथ-साथ सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर राज्य की भाजपासरकार और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने चीनी लहसुन के मुद्दे को किसानों के लिए संकट का कारण बताया तथा इस समस्या को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।

चोइथराम मंडी में किसानों का प्रदर्शन प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर की चोइथराम मंडी में किसानों के साथ प्रदर्शन में भाग लिया। यहां चीनी लहसुन की आमद के खिलाफ बड़े आंकड़े में किसान इकट्ठा हुए थे। किसानों का आरोप है कि चीनी लहसुन के कारण उनकी फसल की कीमतें गिर गई हैं तथा वे अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं। प्रदर्शन में किसानों ने सरकार की नीतियों को किसान विरोधी करार दिया और मांग की कि चीनी लहसुन के आयात पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।

जीतू पटवारी ने बताया कि 10 साल पहले भारत में स्वास्थ्य कारणों से चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगाया गया था। केंद्र सरकार ने 2014 में इसे मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हुए इसके आयात को पूरी तरह रोक दिया था। हालांकि, अब यह लहसुन अफगानिस्तान के रास्ते भारत में तस्करी के जरिए पहुंच रहा है। पटवारी ने सवाल उठाया कि जब यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, तो इसे भारतीय बाजारों में लाने की अनुमति क्यों दी जा रही है?

चीनी लहसुन से किसानों पर असर मध्य प्रदेश, विशेष रूप से पश्चिमी क्षेत्र, लहसुन की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान बड़ी मात्रा में लहसुन का उत्पादन करते हैं, किन्तु चीनी लहसुन के बाजार में आने से स्थानीय उत्पादकों को भारी नुकसान हो रहा है। पटवारी ने कहा कि चीनी लहसुन के कारण लहसुन की कीमतें लगभग 50% तक गिर गई हैं। इससे किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे किसान पहले ही सूखा, बाढ़ और फसल बीमा की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब चीनी लहसुन की आमद उनके लिए एक और मुसीबत बन गई है।"

पटवारी ने भाजपा सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार किसानों को समर्थन मूल्य देने में नाकाम रही है। दूसरी ओर, चीनी लहसुन की तस्करी पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। इससे साफ होता है कि सरकार की प्राथमिकता किसानों का भला नहीं है।"उन्होंने कहा कि चीनी लहसुन की तस्करी की वजह से न केवल किसान आर्थिक रूप से नुकसान झेल रहे हैं, बल्कि बाजार में स्थानीय लहसुन की मांग भी कम हो रही है। उन्होंने सरकार से इस तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

कांग्रेस की मांगें और चेतावनी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार से कुछ प्रमुख मांगें रखी हैं: चीनी लहसुन की तस्करी को तुरंत रोका जाए। किसानों को उचित समर्थन मूल्य दिया जाए। लहसुन के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएं। किसानों के आंदोलन पर ध्यान देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। पटवारी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की, तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा, "किसानों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करना होगा।

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