शादी नहीं करना चाहती चीनी महिलाएं, लेकिन माँ बनने के लिए तलाश रही विदेशी स्पर्म डोनर

बीजिंग: चीन में धनी और शिक्षित महिलाओं की तादाद तेजी से बढ़ रही है, जो मां तो बनना चाहती हैं किन्तु शादी नहीं करना चाहती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए चीन सरकार ने अविवाहित महिलाओं को स्पर्म बैंकों और IVF की प्रक्रिया अपनाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। इससे यहां की महिलाएं प्रभावित हुई हैं और विवश होकर बच्चों की चाहत में दूसरे देशों में विकल्प की खोज कर रही हैं।

चीन में पिछले पांच सालों में शादी की दरों में काफी तेजी से गिरावट आई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, गत वर्ष 1000 में से सिर्फ 7.2 लोगों ने ही शादी की है। चीन में एक और वजह है जिसके चलते महिलाएं विवाह नहीं करना चाहती है। शिक्षित प्रोफेशनल महिलाएं जब शादी के लिए आगे आती है तो उन्हें पक्षपात का सामना करना पड़ता है, क्योंकि चीनी पुरूष ज्यादा पढ़ी लिखी जीवनसाथी से विवाह नहीं करना चाहते हैं।

दूसरी ओर यहां की महिलाएं शादी ना होने के कारण अपने मातृत्व में बाधक नहीं बनने देना चाहती हैं और इसलिए वे स्पर्म डोनर या आईवीएफ की प्रक्रिया अपनाने की कवायद में लग जाती है। विश्लेषकों ने पूर्वानुमान लगाया है कि वर्ष 2022 तक चीन में प्रजनन सेवाएं का यह बाजार तक़रीबन 11 हजार करोड़ रुपये (1.5 बिलियन डॉलर) पहुंच जाएगा, जो वर्ष 2016 के तुलना में ज्यादा होगा। किन्तु बाहर के देशों में चीनी नागरिकों के लिए इन सेवाओं की मांग बढ़ रही है।

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