केतन, चिराग को मिली विरोध की सजा, समिति से हुये बाहर

अहमदाबाद: पाटीदार आंदोलन के प्रमुख कर्ताधर्ता रहने वाले हार्दिक पटेल का विरोध करना केतन और चिराग देसाई को मंहगा पड़ा है। उन्हें इसकी सजा अब समिति से बाहर करने के रूप में मिली। बताया गया है कि हार्दिक पटेल ने इन्हें एक बैठक में इन दोनों को समिति से बाहर करने का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि पाटीदार आंदोलन के लिये पटेल ने पाटीदार आंदोलन समिति बनाई थी और चिराग व केतन दोनों ही इस समिति के साथ प्रारंभिक रूप से ही जुड़े हुये थे।

आरोप के कारण बाहर का रास्ता-

प्राप्त जानकारी के अनुसार हार्दिक पटेल ने हाल ही में उदयपुर राजस्थान में अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलवाई थी। इसमें केतन और चिराग के स्थान पर नये पदाधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई। पटेल ने पत्रकारों को बताया कि ये दोनों उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे थे। पटेल ने बताया कि चिराग और केतन ने यह कहा था कि वह पटेल आरक्षण आंदोलन को कमजोर कर रहे है, लेकिन ऐसी बात नहीं है। पटेल ने यह भी कहा कि उन्होंने इन दोनों से कई बार कहा कि वे विरोधाभासी बयान न दें, बावजूद इसके वे सुनने के लिये तैयार नहीं हुये।

नहीं मानेंगे हार्दिक की-

हार्दिक पटेल द्वारा केतन और चिराग को हटाने के बाद दोनों मीडियाकर्मियों से मिले और कहा कि हम हार्दिक पटेल की नहीं मानेंगे। वे समिति के संस्थापक सदस्य रहे है, इसलिये पटेल उन्हें अकेले हटाने का निर्णय नहीं ले सकते। उन्होंने बताया कि वे दोनों समिति के संयोजक है, वे पटेल के निर्णय का विरोध करते है।

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