चितकारा विश्वविद्यालय के वीएलएसआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल), मोहाली के सहयोग से 0.18 माइक्रोन तकनीक में कम वोल्टेज और कम आवाज वाले तंत्रिका एम्पलीफायर सिलिकॉन चिप तैयार की है, जो पार्किंसंस, रीढ़ की हड्डी की चोट, मिर्गी और पक्षाघात आदि जैसे विभिन्न पुराने रोगों के निदान के लिए उपयोगी है। इसका विमोचन चितकारा विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रो-चांसलर मधु चितकारा, कुलपति अर्चना मंत्री और एचएस जटाना, ग्रुप हेड, डिजाइन एंड प्रोसेस ग्रुप, सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) मोहाली की मौजूदगी में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मधु चितकारा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और नवाचार के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। कुलपति अर्चना मंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कैसे रिजल्ट आधारित शोध से समाज को लाभ हो रहा है । उन्होंने डॉ रजनीश शर्मा को बधाई दी, जिसके मार्गदर्शन में डॉ कुलभूषण शर्मा इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा कर सके । एचएस जटाना ने चितकारा विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई दी और संकाय सदस्यों और छात्रों को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की सराहना की ताकि वे इस तरह के कार्यों में खुद को शामिल कर सकें ।