न्यूजर्सी। लगता है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले कथित देश पाकिस्तान की बात अमेरिका नहीं सुन रहा तो वह चीन से अपनी नजदीकियां बना रहा है। चीन भी पाकिस्तान को बिना किसी खतरे के अंदेशे के परमाणु शक्ति से संपन्न बनाने में लगा है। यह बात हाल ही मेें अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के माध्यम से सामने आई है। दरअसल सीआईए ने कथित तौर पर कुछ दस्तावेज सामने लाए हैं जिसमें कहा गया है कि चीन ने अमेरिका के साथ किए जाने वाले परमाणु सहयोग को तक दांव पर लगा दिया। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के साथ परमाणु करार पर अनुबंध करने के बाद चीन ने वैश्विक परमाणु उर्जा एजेंसी की देखरने हेतु पाकिस्तान से परमाणु प्रतिष्ठान की जानकारी साझा करने की मांग नहीं की। सीआईए ने तो बहुत पहले ही 1983 में भी पाकिस्तान और चीन के बीच परमाणु हथियार को लेकर होने वाली चर्चा को लेकर जानकारी दी थी। चीन ने लोप नाॅर रेगिस्तान के क्षेत्र में जो परीक्षण किया था उसकी तकनीक उसने पाकिस्तान को दे दी थी। ऐसे में अमेरिका इस मसले पर गंभीर हो गया था। हालांकि जिस अनुबंध की बात की गई है उसमें परमाणु तकनीक, रेडियो आइसोटाॅप्स, मेडिकल रिसर्च आदि पर ध्यान देने की बात थी। इस तरह के अनुबंधन के माध्मय से पाकिस्तान के क्षेत्रों में परमाणु निर्यात बाजार को विकसित करने की मंशा चीन की थी। चीन ओर पाकिस्तान द्वारा परमाणु सहयोग की जड़ को गहरा बता दिया गया है। Video : 10 सेकंड में गिरायी 19 बिल्डिंग, अब बनेगा बिजनेस डिस्ट्रिक्ट भारत में स्मार्टफोन का बढ़ा बाजार,यूजर्स पहुंचे 30 करोड़ के पार Photos : सिर्फ चीन में ही बिक सकते है ऐसे डुप्लीकेट और घटिया प्रोडक्ट्स