नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो जाएगी। डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित किए जाएंगे। CJI ने कहा कि सेंटर फॉर प्लानिंग एंड रिसर्च ने देश के उन शीर्ष न्यायाधीशों का आकलन करने के लिए एक व्यापक मंच पर काम करना शुरू कर दिया है, जो नियुक्तियों के लिए पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन न्यायाधीशों और उनके द्वारा दिए गए निर्णयों पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा। डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में नियुक्तियों के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंडों के साथ एक डोजियर तैयार किया जाएगा। शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए देश के 50 न्यायाधीशों का मूल्यांकन किया जाएगा। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को "बंद-दरवाजा प्रणाली" होने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, जहां "न्यायाधीश न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं"। तीन दशक पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की पर्याप्त पारदर्शी और जवाबदेह नहीं होने के कारण आलोचना की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर ही जजों की नियुक्ति की जाती है, वो जिसका नाम भेज दें, सरकार को उन नामों में से ही जज चुनना होता है। पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली में सुधार की मांग उठ रही है और कहा जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रणाली में तालमेल नहीं है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पहले कहा था कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था 100 फीसदी परिपूर्ण नहीं होती है। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली के लिए, समाधान "मौजूदा प्रणाली के भीतर अपने तरीके से काम करना" है। शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के 6 वर्षीय पुत्र ने अपने वीर पिता को दी श्रद्धांजलि, दृश्य देखकर नम हो गई लोगों की ऑंखें, Video देश का सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में, पेट्रोल पंप वालों ने शुरू की हड़ताल, गहलोत सरकार से यह मांग 'गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति न दी जाए..', अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश