CJI चंद्रचूड़ ने सुनाई राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले की कहानी

पुणे: सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा है कि उन्होंने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी का विश्वास हो, तो भगवान अवश्य रास्ता दिखा देते हैं। पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कानहेरसर के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार हमारे पास मामले होते हैं, किन्तु उनका समाधान नहीं निकल पाता। अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में भी ऐसा ही हुआ। यह मामला 3 महीनों तक मेरे पास रहा। तब मैंने भगवान के सामने बैठकर उनसे प्रार्थना की कि किसी न किसी तरह समाधान निकलना चाहिए।

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "मेरा विश्वास कीजिए, यदि आपके पास आस्था है, तो भगवान कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल देते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि सभी को समुदायों की रक्षा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन सिर्फ समृद्ध समाजों को ही नहीं, बल्कि सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करता है।

गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की पीठ ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए एक विवादित मुद्दे का समाधान किया था। चंद्रचूड़ भी इस पीठ का हिस्सा थे, जिसने इस ऐतिहासिक मामले में फैसला सुनाया था। इस वर्ष जुलाई में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अयोध्या के राम मंदिर का दौरा कर प्रार्थना भी की थी। इसी वर्ष 22 जनवरी को राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

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