नई दिल्ली : नोटबन्दी के बाद देश में मची नकद की समस्या के बावजूद सरकार का अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान 22.2 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 10.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. यह सरकार के नजरिये से अच्छी बात है. बता दें कि कुल प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर संग्रह फरवरी अंत में 13.89 लाख करोड़ रुपये रहा जो 2016-17 के कुल बजट अनुमान 16.99 लाख करोड़ रुपये का 81.5 प्रतिशत है.जबकि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी की अवधि में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.17 लाख करोड़ रुपये तथा अप्रत्यक्ष कर संग्रह 7.72 लाख करोड़ रुपये रहा. यह वृद्धि दरअसल व्यक्तिगत आयकर तथा उत्पाद शुल्क संग्रह में अच्छी वृद्धि से कुल कर संग्रह बढ़ने से हुई है. उत्पाद शुल्क संग्रह पहले 11 महीनों (अप्रैल 2016 से फरवरी 2017) में 36.2 प्रतिशत बढ़कर 3.45 लाख करोड़ रुपये हो गया. उल्लेखनीय है कि प्रत्यक्ष कर में कंपनी कर तथा व्यक्तिगत आयकर आते हैं जबकि अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क को शामिल किया जाता है.सेवा कर संग्रह 20.8 प्रतिशत बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये हुआ ,जबकि सीमा शुल्क संग्रह 5.2 प्रतिशत बढ़कर 2.05 लाख करोड़ रुपये रहा. वहीं दूसरी ओर सकल कंपनी आय कर (सीआईटी) चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान 11.9 प्रतिशत रहा ,जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 20.8 प्रतिशत बढ़ा. यह भी पढ़ें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सोने के बदले अब सिर्फ 25 हजार तक ऋण नगद देंगी हफ्ते के आखिरी दिन बनी रही तेजी