विश्व के कई देश कोरोनावायरस का कहर झेल रहे हैं. ऐसे में कई बार ऐसी खोज भी की गई कि आखिर कोरोनावायरस पैदा कहां से हुआ? ये वायरस आया कहां से? अधिकतर लोगों ने इसके पैदा होने की जगह चीन के वुहान प्रांत की वायरोलॉजी लैब या फिर वहां की मीट मार्केट को बताया. चलती 'कार' में सेक्स कर रहे थे 'संयुक्त राष्ट्र' के कर्मचारी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो अब कोरोनावायरस को लेकर एक नई बात सामने आ रही हैं, हालांकि ये तथ्य अभी किसी मेडिकल जर्नल या कहीं अन्य जगह पर प्रकाशित नहीं हुए हैं. मगर ये कहा जा रहा है, कि साल 2019 में बार्सिलोना में कोरोनावायरस की पहचान कर ली गई थी. वैज्ञानिकों ने किया आगाह- फिर तबाह हो सकती है धरती, करोड़ों साल पहले भी हो चुका है ऐसा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये रिसर्च अभी तक किसी जर्नल में प्रकाशित नहीं की गई है. मगर वैज्ञानिकों ने मार्च 2019 में बार्सिलोना, स्पेन में गंदे पानी में में कोरोनोवायरस की मौजूदगी पाई थी. रिसर्च में कहा गया है कि चीन के वुहान में कोरोनावायरस मिलने से पहले स्पेन में ये वायरस पाए गए थे. वही, निष्कर्षों की समीक्षा करने वाले स्वतंत्र विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों के इस दावे पर संदेह है। उनका कहना है, कि जो अध्ययन किए गए हैं वो पूरी तरह से सटीक नहीं मालूम पड़ते हैं. वैसे दुनिया के अधिकतर देशों को यही मालूम है कि कोरोनावायरस के शुरूआती सबूत दिसंबर 2019 में चीन में देखने को मिले थे. चीन में वायरस के सबूत मिल जाने के बाद फरवरी 2020 में स्पेन में इसका संक्रमण फैला था. हजारों की संख्या में लोग इसके संक्रमण का शिकार हुए थे. अस्पताल ने दो बार कहा- 'मरने वाला है मरीज'.. लेकिन 95 दिन बाद 'कोरोना' को मात देकर घर लौटा शख्स आज है विश्व एमएसएमई दिवस, जानें इवेंट से जुड़े रोचक तथ्य श्रद्धालुओं के लिए 29 जून से करतारपुर गुरुद्वारा खोलेगा पाक, विदेश मंत्री कुरैशी ने दिए संकेत