अजरबैजान: आर्मेनिया और अजरबैजान क्षेत्र में बीते कई दिनों से जारी संघर्ष पर विराम लगाने के लिए तैयार हो चुके हैं। सिर्फ यही नहीं दोनों ही इस संघर्ष में मारे गए लोगों के शव भी एक—दूसरे को लौटाने वाले है। दरअसल, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया है कि आर्मेनिया और अजरबैजान ने संघर्षविराम का समर्थन कर रहे है। उन्होंने बोला कि नार्गोनो-काराबाख क्षेत्र में अजेरी और जातीय अर्मेनियाई सेना के मध्य संघर्ष में शहीद हुए लोगों के शवों और कैदियों का आदान-प्रदान भी किया जाने वाला है। 27 सितंबर से जारी आर्मेनिया-अजरबैजान की जंग में नागोर्नो-कराबाख के कर्मचारियों ने दावा किया है कि उनके पक्ष के करीब 200 कर्मचारी अब तक मारे जा गए हैं और 90 से अधिक जख्मी हैं। अजरबैजान ने सैनिकों के हताहत होने की सूचना तो शेयर नहीं की, लेकिन 24 नागरिकों की मृत्यु और 121 के जख्मी होने की बात कही है। जंहा इस बात का पता चला है कि अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने दोहराया था कि इस लड़ाई का अंत तभी हो सकते है, जब नागोर्नो-कराबाख से आर्मेनिया पूरी से हट जाएंगे। इस दौरान, आर्मेनिया ने इलज़ाम लगाया कि तुर्की भी इस संघर्ष में अजरबैजान का साथ दे रहा है और सीरिया से अपने लड़ाकों को इस क्षेत्र में भेजा जा रहा ही। हालांकि, तुर्की ने हथियार अथवा विदेशी लड़ाकों को भेजने के इलज़ाम को ख़ारिज कर दिया हैं। Armenia & Azerbaijan agreed to a ceasefire starting on Saturday to exchange prisoners & bodies of those killed in the conflict between Azeri & ethnic Armenian forces over Nagorno-Karabakh region, Russian Foreign Minister Sergei Lavrov said: Reuters ANI (@ANI) October 10, 2020 जानिए क्यों खास है डाक दिवस विश्व बैंक ने किया दावा, 2021 तक गरीबी रेखा से नीचे के 150 मिलियन लोग विश्व खाद्य कार्यक्रम ने जीता नोबेल शांति पुरस्कार