लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। हालांकि, मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव नहीं हो सका था क्योंकि इस सीट को लेकर कोर्ट में एक याचिका लंबित थी। अब कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। मिल्कीपुर से जुड़े इस मामले में याचिकाकर्ता और बीजेपी के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने अपनी याचिका खुद वापस लेने का फैसला किया था। सोमवार को हाई कोर्ट की जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी। अब कोर्ट का आदेश चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। मिल्कीपुर सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद विजयी हुए थे। बाद में उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने टिकट दिया, जिसमें वह सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिससे यह सीट खाली हो गई। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने 2022 में चुनाव हारने के बाद अवधेश प्रसाद की जीत को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि अवधेश ने नामांकन पत्र दाखिल करते समय जिस नोटरी का इस्तेमाल किया था, उसका लाइसेंस पहले ही रद्द हो चुका था। इसके चलते उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की गई थी। जब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ, तो समाजवादी पार्टी ने इस पर सवाल उठाए। वहीं, बीजेपी ने जवाब देते हुए दावा किया कि सपा के अवधेश प्रसाद का नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी थी, क्योंकि जिस नोटरी से यह कराया गया था, उसका लाइसेंस 5 साल पहले रद्द हो चुका था। अब याचिका खारिज होने के बाद चुनाव आयोग जल्द ही मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। 9 दिसंबर से शुरू होगा तमिलनाडु का विधानसभा सत्र, इन मुद्दों पर रहेगा फोकस संभल हिंसा से अलर्ट हो गई MP पुलिस, संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई तैनाती 'नेतन्याहू को फांसी दो..', इंटरनेशनल कोर्ट से ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की मांग