क्लाइमेंट चेंज होने से समुद्र के किनारे बसे भारत के इन 4 शहरो में बढ़ा खतरा

नई दिल्ली: लगातार हो रहे मौसम में परिवर्तन को लेकर जहा वैज्ञानिको द्वारा लोगो को अलर्ट किया जा रहा है. वही हाल में पेश एक रिपोर्ट में भारत में समुद्र किनारे बसे चार शहरो में खतरा बढ़ने की आशंका जाहिर की है. एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और पोट्सडेम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (PIK) द्वारा जारी की गयी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइमेंट चेंज होने से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में रहने वाले 13 करोड़ लोगों पर खतरा मंडरा रहा है, जो आने वाले समय में और भी भयानक हो सकता है.

रिपोर्ट में 2050 तक एशिया के जिन शहरों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ेगा, उनमें गुआंगझोऊ, मुंबई, कोलकाता, शेनझेन, तियानजिन, हो ची मिन्ह सिटी (वियतनाम), जकार्ता, चेन्नई, सूरत, झेजियांग (चीन), बैंकॉक, जियामेन (चीन) और नगोया (जापान) शामिल हैं. जिसमे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और सूरत भारत के शहर भी शामिल है. 

इसका असर कृषि पर भी पड़ेगा. क्लाइमेट चेंज से एशिया-पैसिफिक देशों में खासा असर पड़ सकता है. इसके चलते दक्षिण भारत में 2030 के दशक तक चावल की पैदावार 5% तक कम हो सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2005 में दुनियाभर में आई बाढ़ से एक साल में 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ जो 2050 में बढ़कर 52 बिलियन डॉलर हो जाएगा. 

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