एक बहुराष्ट्रीय फर्म के अध्ययन से भारत में क्लाउड संसाधनों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा सामने आया है। अध्ययन में पाया गया कि देश में साइबर हमलों में क्लाउड संसाधन सबसे अधिक लक्षित हैं। डेटा भंडारण के लिए क्लाउड स्टोरेज पर बढ़ती निर्भरता के साथ, यह एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है। थेल्स द्वारा किए गए अध्ययन में 18 देशों और 37 उद्योगों के 3,000 आईटी और सुरक्षा पेशेवरों का सर्वेक्षण किया गया। अध्ययन के अनुसार, क्लाउड स्टोरेज सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसमें 46% उत्तरदाताओं ने कहा कि क्लाउड में संग्रहीत उनका कॉर्पोरेट डेटा संवेदनशील है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारत में 37% संगठनों ने क्लाउड डेटा उल्लंघन का अनुभव किया है, जिनमें से 14% ने पिछले वर्ष उल्लंघन का अनुभव किया था। क्लाउड सेवा उल्लंघनों के मुख्य कारण मानवीय त्रुटि (34%), अज्ञात कमज़ोरियाँ (32%) और गलत कॉन्फ़िगरेशन (21%) थे। साइबर अपराधी क्लाउड स्टोरेज को निशाना बनाने के लिए इन कमज़ोरियों का फ़ायदा उठा रहे हैं। क्लाउड स्टोरेज एक प्रकार का ऑनलाइन स्टोरेज है जहाँ उपयोगकर्ता फ़ाइलें, दस्तावेज़, वीडियो और अन्य डेटा स्टोर कर सकते हैं। यह डेटा बड़े डेटा केंद्रों में संग्रहीत किया जाता है और इंटरनेट कनेक्शन वाले किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है। लोकप्रिय क्लाउड स्टोरेज सेवाओं में Google Drive, Dropbox, Microsoft OneDrive, iCloud और Amazon Drive शामिल हैं। अध्ययन क्लाउड संसाधनों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है, क्योंकि क्लाउड स्टोरेज पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। ऐसे बनी छोटे शहर की एक लड़की बनी सफल अभिनेत्री, जानिए 'दिल को तुमसे प्यार हुआ' में अदिति त्रिपाठी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें 'रामायण' की स्थायी विरासत: 1980 के दशक की प्रतिष्ठित टीवी श्रृंखला से पर्दे के पीछे की कहानियां बिग बॉस के इन कंटेस्टेंट्स ने जब टीआरपी के लिए सारी हदें पार कर दीं तो उन्होंने मचा दिया फेक वेडिंग ड्रामा