पटना: बिहार के पूर्व सीएम एवं RJD के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुसीबतें अभी कम नहीं होने वाली हैं। 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में अपराधी करार दिए जाने के पश्चात् इस वक़्त वह रांची के राजेंद्र प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में उपचार करा रहे हैं। इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय सम्मिलित व्यक्तियों द्वारा कमाई गई प्रॉपर्टीज को जब्त कर सकती है। वही हाल ही में लालू यादव को चारा घोटाले के पांचवें मामले के सिलसिलें में स्पेशल CBI कोर्ट ने 5 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी तथा 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। यह घटना डोरांडा कोष में 139 करोड़ रुपये से ज्यादा के गबन से जुड़ा था। कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया था कि आवश्यक कार्रवाई के लिए फैसले, FIR तथा आरोपपत्र की प्रति प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए। वही 21 फरवरी के अपने आदेश में CBI के स्पेशल जस्टिस सुधांशु कुमार शशि ने बताया था कि पता चला है कि इस मामले में अपराधियों एवं मृत अपराधियों द्वारा बनाई प्रॉपर्टीज की पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया था, यह धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच का विषय हो सकता है। घोटाला सामने आने के पश्चात् अपराधी जांच का दायरा कम करने का प्रयास कर रहे थे। आदेश में बताया गया था, 'ED अगर चाहे और कानून अनुमति दे तो अपराधियों या मृत अभियुक्तों द्वारा गलत तरीके से अर्जित धन से बनाई गई ऐसी प्रॉपर्टीज की पहचान तथा जब्ती के लिए आगे बढ़ सकता है। इस प्रकार CBI को इस फैसले, प्राथमिकी तथा आरोपपत्र आदि की एक प्रति प्रवर्तन निदेशालय को उनकी तरफ से जरुरी कार्यवाही करने के लिए प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है।' देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान, बोले- 'नवाब मलिक ने ये जमीन हसीना पारकर के जरिए हथियाई' राजस्थान में बहाल होगी 'पुरानी पेंशन स्कीम', सीएम अशोक गहलोत ने किया ऐलान कांग्रेस भी हुई ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुरीद, तारीफ में कही ये बड़ी बात