पानीपत। भारतीय राजनीति में दो दलों के प्रभाव वाली कथित राजनीति से जनता को एक नया विकल्प देने वाले और भारतीय राजनीति में खुद को एक महत्वपूर्ण नेता के तौर पर स्थापित करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज 49 वर्ष के हो गए हैं। दिल्ली राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 16 अगस्त के दिन वर्ष 1968 को हरियाणा के हिसार के सिवानी मंडी में जन्मे थे। भारतीय राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मगर बाद में उन्होंने यह माना कि उन्हें देशसेवा करने के लिए व्यवस्थापिका का भाग बनना होगा। ऐसे में देश में लोकपाल को लेकर आंदोलन चलाया। इस आंदोलन के बाद उन्होंने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर पार्टी का गठन किया जिसे आम आदमी पार्टी नाम दिया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल की सर्दियों के दिनों में तबियत कुछ खराब रहा करती थी। सर्द मौसम से बचने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल मफलर पहना करते थे। बाद में उन्हें मफलर मैन कह दिया गया अरविंद केजरीवाल बचपन से ही धीर व गंभीर थे। हालांकि उनका परिवार कारोबारी था। मगर कैरियर के तौर पर अरविंद केजरीवाल ने अपने लिए आईआरएस को चुना। वे प्रारंभ से ही साधारण जीवन में ही रहे। वे अपने अध्ययन पर ध्यान दिया करते थे। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे अपने घर से 25 किलोमीटर दूर जाया करते थे। वर्ष 1947 में सिवानी मंडी से लगभग 30 किलोमीटर दूर खेड़ा गांव में अरविंद केजरीवाल के दादा मंगलचंद आकर रहने लगे थे। मंगलचंद ने क्षेत्र में दाल मिल स्थापित की। सीएम अरविंद केजरीवाल के पिता गोविंदराम थे। उन्होंने जिंदल उद्योग में काम किया और फिर हरियाणा से बाहर जाकर भी काम किया। मगर गोविंदराम के अन्य भाई कारोबार से जुड़े थे। उनके अन्य भाईयों में मुरारीलाल,राधेश्याम,गिरधारीलाल व श्यामलाल शामिल थे। उनके चाला व दादा आज भी सिवानी मंडी में आढ़त व सरसों के तेल का कार्य करते हैं। उनके चाचा गिरधारीलाल ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल ने पहली बार चुनाव लड़ा और इसके पहले अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी तो गांव पहुॅंचे। जब उनसे पूछा गया कि क्या कारखाना खुलवा दें तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अब अलग करूॅंगा। इसके बाद जब दिल्ली में चुनाव हुए तो उन्होंने इसमें जीत दर्ज की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वर्ष 2006 में रोमन मैगसेसे अवार्ड मिला। यह एक बड़ी उपलब्धी थी। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के गठन से पहले एक महत्वपूर्ण आंदोलन किया था जिसने देशभर में परिवर्तन की लहर जगाई। इसके बाद उन्होंने आप का गठन किया। हालांकि समय के साथ उनके लीडर पार्टी से अलग होते चले गए मगर अरविंद केजरीवाल ने हार नहीं मानी वे विषम परिस्थितियों के बीच आज भी राजनीतिक क्षेत्र में अपने दृढ़ संकल्प के साथ बेहतर कार्य करने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ राजीव कुमार बने नीति आयोग के नए उपाध्यक्ष नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष पनगढ़िया ने दिया इस्तीफा CM केजरीवाल को लेकर विरोध करने वाले विधायक कपिल मिश्रा को मार्शल ने किया बाहर