नई दिल्ली: GST काउंसिल की मीटिंग में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दिए गए विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पीएम मोदी को चिट्ठी लिखते हुए कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जो दो विकल्प दिए गए हैं, जिनमें राज्यों को कर्ज लेने और फिर पुनर्भुगतान करने को कहा गया है, इससे राज्यों पर काफी बोझ पड़ेगा. पीएम मोदी से कोरोना संकट से उबरने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य विकल्प पर विचार करने का आग्रह करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि GST परिषद को केंद्र को अपनी तरफ से कर्ज लेने के लिए अधिकृत करने के बारे में विचार करना चाहिए और 2022 से आगे उपकर संग्रह की मियाद बढ़ानी चाहिए। 27 अगस्त को GST परिषद ने प्रदेशों को अपने जीएसटी राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए लोन लेने के दो विकल्पों की पेशकश की थी, क्योंकि कार और तंबाकू जैसी वस्तुओं से प्राप्त GST उपकर इस वित्तीय वर्ष की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं था. केंद्र ने आदेश दिया है कि राज्य सरकारें एक विशेष विंडो के जरिए या तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए ऋण ले सकती हैं या बाजार से क़र्ज़ उठा सकती हैं. GST सुधार को भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में जमीनी सुधार के तौर पर करार देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि GST संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे का आश्वासन उन स्तंभों में से एक है, जिन पर GST की पूरी इमारत टिकी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी सूबे मिल कर उस अभूतपूर्व स्थिति को दूर करेंगे, जिसे कोरोना महामारी ने सामूहिक रूप से देश के सामने लाया है. दिल्ली दंगों में हो सकता है फेसबुक का हाथ, दर्ज होने चाहिए FIR - राघव चड्ढा कोरोना से संवाददाता की मौत, प्रियंका ने की पत्रकारों को बीमा कवर देने की मांग WHO ने फिर चेताया- कोरोना को काबू किए बिना सोसाइटी खोलना मतलब त्रासदी को न्योता देना