जोशीमठ में मंडराए खतरे पर CM धामी का आया बड़ा बयान

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के पश्चात् प्रशासन से लेकर सरकार तक समस्या में हैं। इस बीच, चिह्नित बिल्डिंग एवं होटल को ढहाने जाने की तैयारी पर स्थानीय लोग मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। स्थिति बिगड़ने से पहले स्वयं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री अपने सारे समारोहों को स्थगित करते हुए जोशीमठ पहुंचे तथा राहत शिविरों में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने यहां लोगों का मनोबल बढ़ाया तथा हरसंभव सहायता का विश्वास दिया।

सीएम धामी ने कहा कि आज पूर्व तय समारोहों को स्थगित करते हुए रात्रि प्रवास के लिए जोशीमठ आया हूं। यहां प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया एवं नागरिकों से मुलाकात की। क्षेत्र में कार्यरत अफसरों के साथ चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी व्यक्तिगत तौर पर क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इस संकट की घड़ी में केंद्र एवं राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ जोशीमठवासियों के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने यहां प्रभावित लोगों के लिए अंतरिम सहायता का ऐलान किया। जबकि स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया एवं चिह्नित स्ट्रक्चर को गिराने पर रोक लगाने की मांग की। धामी ने जोशीमठ में मीडिया से चर्चा में कहा- मार्केट रेट के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा। लोगों को भरोसा में लेने के बाद रेट तय किए जाएंगे। प्रभावित लोगों को 1।5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। राहत एवं पुनर्वास पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते से भी अधिक वक़्त पहले एक अंडरग्राउंड चैनल के फटने के पश्चात् से मारवाड़ी वार्ड से रिसने वाले पानी का वेग लगभग आधा हो गया है। सीएम ने कहा- ये एक राहत देने वाली खबर है क्योंकि इससे पानी के निरंतर रिसाव ने चिंता पैदा कर दी थी कि जोशीमठ में भूमि धंसाव और बढ़ा सकता है।

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