कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 2023 को देखते हुए राज्य कैबिनेट में बदलाव किया गया है। सीएम ममता ने गुलाम रब्बानी को अल्पसंख्यक विकास विभाग के दायित्व से हटा दिया है। अब से सीएम ममता खुद राज्य का अल्पसंख्यक विभाग संभालेंगी। सूत्रों के अनुसार, सीएम ममता, गुलाम रब्बानी के काम से नाखुश हैं। ताजमुल हुसैन इस विभाग के राज्य मंत्री के रूप में प्रभारी हैं। वह इस पद पर बरकरार रहेंगे। बता दें कि, सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद ये सीएम ममता की मुसलमानों को लुभाने की योजना मानी जा रही है। राज्य में पंचायत चुनाव के मद्देनजर सीएम ममता बनर्जी के इस कदम को स्वाभाविक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। सियासी हलकों में चर्चा है राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के एक वर्ग के असंतोष को ख़त्म करने के लिए ममता बनर्जी ने यह कदम उठाया है। बता दें कि, छात्र नेता अनीस खान की मौत और हाल ही में ISF विधायक नौशाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद मुसलमानों का एक धड़ा सीएम ममता से खफा है। हालांकि सूबे की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शुरू से ही इस बात को ख़ारिज किया है। लेकिन, इस बीच ममता का खुद अल्पसंख्यक विभाग संभालना कुछ संकेत तो जरूर कर रहा है। दरअसल, कुछ दिन पहले सीएम ममता ने TMC का अल्पसंख्यक चेहरा बदल दिया था। हाजी नुरुल इस्लाम के स्थान पर उत्तरी दिनाजपुर में इटाहार के नेता मुशर्रफ हुसैन को TMC अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया था। सोमवार को राज्य कैबिनेट की मीटिंग हुई। यहाँ सीएम ममता ने बताया कि गुलाम रब्बानी को अल्पसंख्यक मामलों के विभाग से हटाया जा रहा है। अल्पसंख्यक कार्य विभाग स्वयं वे देखेंगी। माफिया अतीक अहमद को लेकर महोबा पहुंची यूपी पुलिस, कल कोर्ट में होनी है पेशी 'दिल्ली में इस्लामी झंडा फहराएंगे, भारत के खिलाफ जिहाद करो..' मौलाना का Video वायरल, भड़के लोग गिड़गिड़ाता रह गया पाकिस्तान, युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए IMF ने कर दिया बड़ा ऐलान