पटना: पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन सिंह की रिहाई का मार्ग साफ हो चुका है। ऐसा संभव हुआ है, नीतीश सरकार के उस फैसले के कारण, जिसमें बिहार जेल मैनुअल 2012 में बड़े संशोधन किए गए हैं। सोमवार को बिहार सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस बीच आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सवाल भी जमकर उठ रहे हैं, मगर ऐसा प्रतीत होता है जैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इन सवालों की जरा भी परवाह नहीं है। तभी तो इन सवालों से निश्चिंत होकर सीएम नीतीश आज मंगलवार को आनंद मोहन के बेटे की सगाई में शरीक होने पहुँच गए। बता दें कि वर्ष 1994 में भीड़ द्वारा गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी। आनंद मोहन पर इल्जाम है कि उन्होंने भीड़ को हत्या करने के लिए भड़काया था। वहीं, अपनी रिहाई को लेकर आनंद मोहन का कहना है कि लोग तो कुछ भी कहते रहेंगे। पूर्व सांसद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यहां पर बेटे से संबंधित सभी रस्मों के संपन्न हो जाने के बाद मैं फिर से जेल लौटूंगा। इसके बाद जब रिहाई का आदेश आएगा, तो फिर आप सभी को आमंत्रित करूँगा। पूर्व सांसद ने कहा कि मैं जेल में 15 वर्ष गुजार चुका हैं और मेरी रिहाई जेल नियमों के तहत मेरे अच्छे व्यवहार को देखकर की गई है। बता दें कि 10 अप्रैल को बिहार की महागठबंधन सरकार ने बिहार जेल मैनुअल, 2012 में संशोधन किए थे। इसके तहत ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या से संबंधित उस क्लॉज को हटा दिया गया था, जिसके तहत ऐसे दोषी को जेल की सजा में रियायत नहीं मिल सकती थी। इसका लाभ बाहुबली नेता आनंद मोहन को मिला, जिनका अपनी जाति के वोटर्स पर काफी प्रभाव था। मोहन फिलहाल गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी और 1985 बैच के IAS जी कृष्णैया की हत्या मामले में जेल में कैद हैं। वह मूल रूप से महबूबनगर जो कि अब तेलंगाना में पड़ता है, के निवासी थे। इस हत्याकांड को 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में अंजाम दिया गया था। मोबाइल चलाते समय रहें सावधान ! 8 वर्षीय बच्ची के चेहरे पर फटा फोन, हुई मौत 'मन की बात' का देशवासियों पर क्या असर पड़ा ? पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम पर IIM रोहतक ने किया सर्वे राजस्थान: जो पाकिस्तान से जान बचाकर हिंदुस्तान आए, उनके 200 घरों पर चला बुलडोज़र, Video