पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हाल ही में बयान दिया है कि राज्य में नौकरी घोटाला, जमीन की बिक्री और वित्तीय हेराफेरी से जुड़े मामलों की जांच में किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच के लिए पुलिस को पूरी स्वतंत्रता दी गई है। कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि गोवा के कई पुलिस थानों में जमीन की धोखाधड़ी, नौकरी देने के नाम पर ठगी और वित्तीय हेराफेरी के मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में पुलिस द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है और अब तक किसी भी मामले में किसी राजनीतिक नेता की संलिप्तता नहीं पाई गई है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार पर नौकरी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया है और मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रही और नेताओं के इशारों पर काम कर रही है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने सीएम के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, जो खुद गृह मंत्रालय संभालते हैं, इस मामले में खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस विभाग को "पिंजरे में बंद तोता" बताते हुए कहा कि पुलिस को ध्यान भटकाने में महारत हासिल है। सरदेसाई ने यह भी दावा किया कि जिन लोगों को इन मामलों में गिरफ्तार किया गया है, उनके राजनीतिक संबंध सबको पता हैं। विपक्ष का कहना है कि राज्य में नौकरी देने के नाम पर नकदी लेकर घोटाला किया जा रहा है, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कांग्रेस और अन्य दलों ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग दोहराई है। गुजरात की फैक्ट्री में नकली-नोटों के बाद छापने लगे थे डॉलर, अचानक पहुंच गई पुलिस-और.... नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के साथ हुई 2 करोड़ की धोखाधड़ी, जानिए पूरा मामला संभल विवाद: मुस्लिम पक्ष की याचिका पर SC में ताबड़तोड़ सुनवाई, निचली अदालत को रोका..!`