भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम-किसान योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य 46 लाख छोटे और सीमांत किसानों, जिसमें भूमिहीन किसान भी शामिल हैं, को लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में 925 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने घोषणा की है कि ओडिशा का दूसरा AIIMS संबलपुर में स्थापित किया जाएगा, जिसकी मांग राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र से की है। सीएम-किसान योजना के तहत उन किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) योजना से बाहर हैं। इस योजना के तहत पात्र किसानों को 4,000 रुपये की राशि दो चरणों में दी जाएगी। पहली किस्त 2,000 रुपये नुआखाई पर्व पर, और शेष 2,000 रुपये अक्षय तृतीया के समय दी जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन भूमिहीन किसानों की मदद करेगी जिन्हें पीएम-किसान योजना से कोई लाभ नहीं मिला था। मुख्यमंत्री माझी ने इस अवसर पर कहा कि रबी की फसल की तैयारी नुआखाई से शुरू होती है, और इसी कारण किसानों को उसी समय वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वे खेती के उपकरण, बीज, खाद और कीटनाशक खरीद सकें। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि सीएम-किसान योजना के लाभार्थियों के बच्चों को तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य जल्द ही "बलभद्र योजना" शुरू करेगा, जिसका उद्देश्य ओडिशा में जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने "समृद्ध कृषक योजना" के तहत धान की खरीद 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की योजना बनाई है, जबकि केंद्र ने इस वित्तीय वर्ष के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,300 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के 'कृषक ओडिशा एकीकृत पोर्टल' का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और संबलपुर से सांसद धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित थे। आखिर AAP-कांग्रेस में नहीं थमी रार, केजरीवाल ने हरियाणा चुनाव में उतार दिए 20 उम्मीदवार चंदन गुप्ता हत्याकांड: आरोपी मुनाजिर की जमानत का विरोध करने वाली महिला वकील की हत्या SC में नहीं चली सिब्बल-सिंघवी की दलील, ED के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की याचिका ख़ारिज