केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की मांग को मान लिया है. दअरसल जीएसटी लागू होने के बाद से ही बिहार सरकार की ये मांग थी कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित लंगर की वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की थी. केंद्र सरकार द्वारा मांग मान लेने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त किया है. बिहार सरकार ने धार्मिक संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे लंगर की सामग्रियों को जीएसटी से बाहर रखने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को 12 अप्रेल 2018 को पत्र लिखकर अनुरोध किया था. इसके पीछे मुख्यमंत्री ने यह तर्क दिया था कि लंगर के लिए खरीदी जा रही सामग्री पर लगाये जा रहे जीएसटी की वजह से धार्मिक संस्थानों का खर्च अधिक बढ़ जाता है. अब केन्द्र सरकार ने राज्य की मांग को मानते हुए ‘सेवा भोज योजना‘ के तहत धार्मिक संस्थानों द्वारा निःशुल्क भोजन कराने के लिए खरीदे गई वस्तु पर लिए गए जीएसटी को वापस करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय से अब धार्मिक संस्थानों को सामन खरीदने में आसानी रहेगी. जानलेवा बारिश निगल गई 27 जिंदगियां पुलिस विभाग में सैकड़ों पदों पर नौकरी का सुनहरा मौका बिहार में शिक्षक ने लांघी सारी सीमाए