सीएम शिवराज को मिली व्यापम मामले में राहत

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए व्यावसायिक परीक्षामंडल घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राहत मिली है। इस मामले में सीबीआई ने भोपाल की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। इसमें कहा गया है कि, जांच में हार्ड डिस्क से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई है। उक्त जानकारी में कहा गया है कि, वर्ष 2013 में व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा पीएमटी परीक्षा आयोजित की गई थी।

मगर इसमें कथिततौर पर गड़बड़ी होने की बातें सामने आई थीं। इस मामले में व्यावसायिक परीक्षा मंडल के 3 अधिकारी, 3 गिरोहबाज, 17 दलाल, 297 साॅल्वर और लाभ प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के अतिरिक्त 170 विद्यार्थियों के परिजन शामिल हैं। सीबीआई ने अपनी जांच को लेकर कहा कि, आरोपियों की तलाश करने में बहुत परेशानी हुई। कई लोग तो बताए गए पते पर मिले ही नहीं।

प्रकरण में जो साॅल्वर थे वे बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान के विभिन्न स्थानों के विद्यार्थी थे। ये ऐसे विद्यार्थी थे जो इन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करते हैं। इस मामले में सीबीआई ने कहा कि, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इस के तहत जांच कार्रवाई की गई।

इस मामले में पेन ड्राइव की भी जांच की गई। व्यापम मामले में शिवराज सिंह को राहत मिलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा है कि, इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। हालांकि कांग्रेस इस मसले पर सवाल करने में लगी है।

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