भोपाल। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को लेकर दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे थे। आखिरकार उन्होंने अपने उपवास तोड़ने के ही साथ महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन ने उनसे भेंट कर उपवास तोड़ने की अपील की थी। जिसके बाद उन्होंने उपवास पूर्ण कर लिया। उन्होंने दोपहर करीब 3 बजे घोषणा की कि मध्यप्रदेश में स्वामीनाथन कमेटी की कुछ सिफारिशों को मान लिया गया है। प्रदेश में इस पर कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन किसान की सहमति से ही अधिगृहित की जाएगी। नर्मदा नदी का पानी जिस तरह से शिप्रा में पहुंचाया है उसी तरह से अन्य नदियों में पहुंचाया जाएगा। इससे सिंचाई का रकबा बढ़ जाएगा। उन्होंने सड़कों के विस्तार को लेकर कहा कि सड़कें इस तरह बनाई जाएगी जिससे मंडियों तक किसानों की उपज आसानी से पहुंच जाए। यदि बाजार में उपज के मूल्य में गिरावट आएगी तो फिर मूल्य स्थिरीकरण कोष से किसानों की मदद कर किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर अनाज का क्रय नहीं किया जा सकेगा। भेल स्थित दशहरा मैदान पर लगभग ढाई हजार किसान एकत्रित हुए। इन लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से चर्चा की थी। शिवराज ने इस दौरान अपना उपवास पूर्ण करते हुए कहा कि जो लोग प्रदेश में अराजकता को बढ़ाने में लगे हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि अमूल की ही तरह दूध के दाम तय किए जाऐंगे इसके लिए सरकार नीति तय करेगी। गांवों में ज्ञान चैपालों का निर्माण होगा। किसानों को खेती के अत्याधुनिक तरीकों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही सोयाबीन को समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। सरकार किसान पुत्रों को रोजगार के लिए सुविधा देगी। इसके लिए स्वरोजगार के लिए उन्हें 10 लाख रूपए से 2 करोड़ रूपए तक का ऋण सरकार की ग्यारंटी पर दिलवाया जाएगा। वनवासियों को भूमि अधिकार पत्र न मिलने पर पट्टे दिए जाऐंगे। उन्होंने मंदसौर गोलीकांड की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। शिवराज से मिले मारे गए किसानों के परिजन, की उपवास तोड़ने की अपील शिवराज के उपवास के विरोध में सिंधिया करेंगे सत्याग्रह ख़त्म हुआ शिवराज का अनशन, विजयवर्गीय बोले- CM के पैर धोकर पीना चाहते किसान